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गिरिडीह के जागो रविदास का कोई नहीं था, मौत के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने दिया कांधा, दी अंतिम विदाई

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 7, 2023, 12:41 PM IST

Example of communal unity in Jamua block of Giridih. गिरिडीह में बुजुर्ग की मौत पर मुस्लिम समाज के लोगों ने अंतिम संस्कार किया. निसंतान जागो रविदास की अंतिम इच्छा थी कि उनकी मृत्यु होने पर मुस्लिम समाज द्वारा अंतिम संस्कार किया जाए.

Muslim community performed last rites on death of old man in Giridih
गिरिडीह में बुजुर्ग की मौत पर मुस्लिम समाज के लोगों ने अंतिम संस्कार किया

गिरिडीहः जिले में कौमी एकता की अनोखी बानगी देखने को मिली. बाजे-गाजे और ढोल-नगाड़े और राम नाम सत्य है के साथ के साथ शव यात्रा निकाली गयी. जागो रविदास को मुस्लिम समाज के लोगों ने बड़ी आत्मीयता और सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया. ये पूरा मामला गिरिडीह के जमुआ प्रखंड की है.

जिला के जमुआ प्रखंड में कौमी एकता की मिसाल देखने को मिली है. गुरुवार को यहां निःसंतान वृद्ध की जब मौत हो गई तो उसकी अर्थी सजाने से लेकर श्मशानघाट ले जाकर अंतिम संस्कार करने में मुस्लिम समाज के लोगों ने अपनी भागीदारी निभाते हुए आपसी एकता का परिचय दिया. मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा जागो रविदास की अर्थी को कांधा दिया गया, ढोल बजाये गए, राम नाम सत्य का नारा दिया गया और शव यात्रा निकाली गई. इसके बाद रीति-रिवाज के साथ शव को दफनाया गया. यह पूरा मामला जमुआ के काजी मगहा गांव का है.

इस गांव के निवासी असगर अली ने बताया कि पूरा गांव मुस्लिम समाज से भरा हुआ है. एक घर हिन्दू जागो रविदास का था. जागो रविदास का कोई संतान या रिश्तेदार नहीं है. ऐसे में अपने जीवन काल में ही जागो रविदास ने यहां के मुस्लिम भाइयों से कहा था कि जब उनकी मृत्यु हो जाए तो मुस्लिम समाज द्वारा अंतिम संस्कार किया जाए. जब उन्होंने दम तोड़ दिया तो हम लोगों ने अर्थी सजायी, कांधा दिया और श्मशान घाट में उन्हें मिट्टी दी गई. असगर अली ने बताया कि जागो रविदास भी मुस्लिम समाज के जनाजे में कांधा दिया करते थे. अब उनकी मौत पर पूरा गांव गमगीन है.

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