गिरिडीह:धर्म को लेकर अक्सर आपसी मनमुटाव और विवाद की खबरें आती रहती हैं. लेकिन इस बीच गिरिडीह से ऐसी तस्वीर आई है जो इन सब चीजों से बहुत परे है, जहां धर्म का बंधन टूट जाता है. दरअसल, गिरिडीह में हिन्दू समाज के लोग रामनवमी के अवसर पर मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा तैयार किए गए महावीरी झंडा को खरीदते हैं और उसे लगाते भी हैं. यह सिलसिला पिछले कई दशकों से चलता आ रहा है.
गिरिडीह मेंं गंगा जमुनी संस्कृति की झलक, यहां मुस्लिम बनाते हैं महावीरी झंडा
गिरिडीह में रामनवमी के पर्व पर साम्प्रदायिक सौहार्द भी दिखता रहा है. यहां महावीरी झंडा बनाने का काम मुस्लिम समाज के लोग ही करते हैं. इस बार भी झंडा इनके हाथों से ही बना है जिसकी बिक्री भी खूब हो रही है.
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हनुमान मंदिर के पीछे झंडा सिलते हैं अख्तर-इम्तियाज: गिरिडीह के बड़ा चौक पर स्थित हनुमान मंदिर के ठीक पीछे मो. अख्तर और इम्तियाज नामक कारीगर हैं. इन दोनों के परिवार कई दशक से महावीरी झंडा बनाते आ रहे हैं. दोनों कहते हैं कि वे तो बस अपना कर्म कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि झंडा बनाने का काम उनके पूर्वज भी करते रहे थे. अब वे भी करते हैं.
श्रद्धा से करते हैं निर्माण:अख्तर और इम्तियाज कहते हैं कि उनके लिए राम-रहीम एक हैं. उन्होंने कहा हमारे लिए हिन्दू मुस्लिम बराबर है. झंडा बनाने के दौरान पवित्रता पर ध्यान रखा जाता है. यह भी बताया कि उनके बनाए झंडे की डिमांड भी काफी अधिक है. इस मामले पर कांग्रेस नेता सतीश केडिया का कहना है कि मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा निर्मित झंडे को हिन्दू समाज के लोग वर्षों से खरीदते और लहराते आ रहे हैं. यह देश की एकता, अखंडता और भाईचारे का प्रतीक है.