गिरिडीह:कोरोना महामारी के कारण इस बार मुहर्रम में जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया गया है. जिले के गावां प्रखंड स्थित माल्डा मदरसा में बुधवार को अकलियत वेलफेयर सोसाइटी की वार्षिक बैठक की गई. जिसमें यह निर्णय लिया गया. इसमें कोरोना महामारी के कारण शारीरिक दूरी और लॉकडाउन का पालन करते हुए मुहर्रम मनाने पर चर्चा हुई.
कोरोना का प्रभाव इस साल सभी पर्व-त्योहार पर दिख रहा है. जिसके कारण कई त्योहार को सादगी से मनाया जा रहा है. इस बार मुहर्रम पर भी इस महामारी का असर दिख रहा है. इस बार कई जगहों पर मुहर्रम का जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया गया है. गावां प्रखंड के माल्डा मदरसा में बुधवार को अकलियत वेलफयर सोसाइटी की वार्षिक बैठक आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता हाजी अब्दुल क्यूम और संचालन सोसाइटी के सेक्रेटरी वहाब खान ने किया. बैठक में कोरोना महामारी के कारण सरकार की ओर से जारी सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए मुहर्रम मनाने पर चर्चा हुई.
बता दें कि 22 अगस्त को चांद दिखने के बाद मुहर्रम मनाया जाएगा. मुहर्रम के दस दिनों में कई तरह के धार्मिक कार्यक्रम होते हैं. बैठक में मौजूद सोसाइटी के सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि मुहर्रम के सातवीं, नवमीं और दसवीं को कर्बला में बगैर भीड़-भाड़ के दस-दस लोगों की संख्या में पारी-पारी से नेयाज फातेहा की जाएगी. मुहर्रम के मौके पर जुलूस नहीं निकालने का भी निर्णय लिया गया है. इस दिन इमामबाड़ा पर ही सभी तरह के कार्यक्रम किए जाएंगे. उस दिन भी भीड़-भाड़ से बचा जाएगा और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ चंद लोगों की मौजूदगी में ही सभी तरह के कार्यक्रम होंगे.