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बगोदर के हरिहर धाम में शादी विवाह का आयोजन, शुभ मुहूर्त के साथ मंदिर में उमड़ रहे लोग

शुभ मुहूर्त की शुरूआत के साथ ही शादी-विवाह को लेकर तैयारियां तेज हो गयी हैं. गिरिडीह में बगोदर के शिव मंदिर हरिहर धाम में तीन दिनों के अंदर 12 से भी अधिक शादियां हुई (Marriage ceremony at Bagodar Harihar Dham). विवाह के लिए वैवाहिक मुहूर्त किस तिथि को है, जाननें के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Shiv Mandir Harihardham of Giridih
Shiv Mandir Harihardham of Giridih

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Published : Nov 27, 2022, 11:39 AM IST

Updated : Nov 27, 2022, 12:13 PM IST

गिरिडीह:शादी-विवाह के लिए इंतजार कर रहे लोगों और उनके परिजनों की इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गई. शुभ मुहूर्त की शुरूआत के साथ ही शहनाईयां बजने लगी हैं. गिरिडीह में बगोदर के हरिहर धाम में शादी विवाह का आयोजन किया जा रहा (Marriage ceremony at Bagodar Harihar Dham) है.

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तीन दिन में 12 से अधिक शादियां: अगर बगोदर के प्रसिद्ध शिवमंदिर हरिहरधाम (Bagodar Harihar Dham in Giridih) की करें तब यहां शादी-विवाह के लिए युगलों और उनके परिजनों की भीड़ उमड़ने लगी है. चट मंगनी पट ब्याह के लिए चर्चित इस मंदिर में तीन दिनों के अंदर एक दर्जन से भी अधिक युगल भगवान शिव को साक्षी मानकर वैवाहिक बंधन में बंध चुके हैं. शादी-विवाह को लेकर मंदिर परिसर गुलजार होने लगा है. इसे लेकर मंदिर परिसर और बाहर का नजारा बदला-बदला सा दिखने लगा है. चारों ओर भीड़ और वैवाहिक कार्यक्रम और शहनाई गीत सुनाई पड़ने लगे हैं. मंदिर की धर्मशालाओं से लेकर मैरेज हॉल तक में वैवाहिक कार्यक्रम हो रहे हैं. मंदिर परिसर में वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने वाले युगल जोड़ों के परिजनों, रिश्तेदारों और मित्रों की भीड़ से बगोदर-बिष्णुगढ़ मेन रोड के हरिहर धाम मंदिर गेट पर जाम का नजारा भी देखने को मिलने लगा है.

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हरिहर धाम में उमड़ रही भीड़: वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने आने वाले लोगों के द्वारा चारपहिया वाहन जैसे-तैसे खड़ा करने से रोड पर जाम की स्थिति बन जाती है. शिव मंदिर हरिहर धाम में विवाह रचाने के लिए शुभ मुहूर्त में दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं. मंदिर परिसर की भव्यता, धर्मशालाएं और बाहर बने दर्जनों मैरेज हॉल को लेकर लोगों को विवाह कार्यक्रम कराने में सुविधाएं मिलती है. वैसे शुभ मुहूर्तों में खुले आसमान के नीचे भी मंदिर परिसर में युगलों के विवाह होते देखें जा रहे हैं. मंदिर में बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध है. विवाह के लिए वर पक्ष को 551 और वधू पक्ष को 251 रुपए का शुल्क मंदिर प्रबंधक के पास जमा करना पड़ता हैं.

पुजारी ने बताया वैवाहिक मुहूर्त का महत्व: मंदिर के पुजारी विजय कुमार पाठक के अनुसार 24 नवंबर से वैवाहिक मुहूर्त की शुरुआत हुई है. इसके साथ ही शादी-विवाह के लिए युगल जोड़ों और परिजनों की भीड़ उमड़ने लगी है. वैवाहिक मुहूर्त की शुरुआत के बाद शहनाईयां बजने लगी है और जोड़े दांपत्य जीवन में बंधने लगे हैं. जुलाई माह में देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. उसके बाद देवउठान एकादशी के दिन भगवान विष्णु का शयन काल समाप्त होता है और इसी दिन से विवाह और अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ समय और मुहूर्त आवश्यक होता है. ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से बने शुभ योग में ही मांगलिक कार्यों जैसे शादी, मुंडन, जनेऊ, गृह-प्रवेश समते कई मांगलिक कार्य किए जाते हैं. धर्म शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्त में किए गए मांगलिक और शुभ कार्य बिना किसी विघ्न बाधा के संपन्न होते हैं. ऐसे में शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त और भी आवश्यक हो जाता है.



इन तिथियों को है वैवाहिक मुहूर्त:
-नवंबर महीने की 24, 25 और 27 तारीख
- दिसंबर महीने में 2, 7, 8, 9 और 14 तारीख
- जनवरी 2023 में 15, 18, 25, 26, 27, 30 और 31 तारीख
- फरवरी महीने में 6, 7, 9, 10, 12, 13, 14, 22, 23 और 28 तारीख
- मार्च महीने में 6, 9, 11 और 13 तारीख को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है.

Last Updated : Nov 27, 2022, 12:13 PM IST

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