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जांच में एक के बाद सामने आई गड़बड़ी, नियम विरुद्ध योजना के चयन ने चौंकाया - Jharkhand news

ईटीवी भारत ने खुलाया किया था कि कैसे मनरेगा में लूट की परंपरा साल दर साल चल रही है. यहां मजदूरों को काम मिले या नहीं लेकिन बिचौलियों से लेकर वेंडर तक मालामाल जरूर हो रहे हैं. गिरिडीह में निर्देश के विरुद्ध जाकर तय सीमा से 8 गुणा अधिक राशि की निकासी करने के मामले में जब डीसी के निर्देश पर जांच शुरू हुई तो अधिकारी दंग रह गए.

Manrega ghotala in Giridih
मनरेगा घोटाले की जांच करते अधिकारी

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Published : May 12, 2023, 4:39 PM IST

Updated : May 27, 2023, 8:49 AM IST

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गिरिडीह: मनरेगा आयुक्त से लेकर उच्च अधिकारियों के निर्देश की अवहेलना कर निर्धारित सीमा से 8 गुणा अधिक राशि की निकासी करने के मामले की जांच अब अंतिम चरण में है. डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर गठित अलग-अलग टीम ने सदर प्रखंड के कई पंचायतों की जांच की है. सिकदारडीह, खावा, मंगरोडीह, श्रीरामपुर समेत कई पंचायत में जाकर अधिकारियों द्वारा उन योजनाओं की जांच की है जिसके पूर्ण करने की बात कहते हुए राशि की निकासी की गई. जांच में कई योजना को अधूरा पाया गया. इसके अलावा ये भी पता चला कि योजना पूर्ण होने के पहले पैसे की निकासी कर वेंडर को भुगतान कर दिया गया.

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रेवड़ियों की तरह बांटा गया शेड:जांच में यह भी साफ हुआ कि वेंडर को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक में रखकर रेवड़ियों की तरह गाय शेड, मुर्गों शेड, बकरी शेड बांट दिए गए. पंचायत की निर्धारित सीमा से कई गुणा अधिक पक्का योजना का चयन किया गया, इसका सीधा लाभ वेंडरों को मिला. इस दौरान अधिकारियों ने जिन किसी लाभुक को शेड मिला उसकी जांच की. इसके अलावा ये भी चेक किया कि लाभुक के पास मवेशी हैं या नहीं. बताया जाता है कि इस जांच में भी कई बातें सामने आईं हैं. कई योजनास्थल से बोर्ड गायब भी मिले हैं. जांच अधिकारी भी कहते हैं पंचायतों में मनरेगा एक्ट की अनदेखी की गई है. यह भी बताया कि जल्द ही जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंप दी जाएगी.

भाकपा माले ने की सख्त कार्रवाई की मांग:इधर भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. माले नेता कहते हैं उन्हें ईटीवी भारत के खबर से सदर प्रखंड द्वारा मनरेगा में मार्च लूट की जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्होंने तुरंत ही इसकी लिखित शिकायत डीसी से की थी. शिकायत पर जिलाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई की और जांच शुरू की गई. उन्होंने कहा कि एक-एक पंचायत में एक वित्तिय वर्ष में दर्जनों पक्का वर्क मनरेगा से करवाया गया है, जो सीधे तौर पर मनरेगा कानून का उल्लंघन है. इस मामले में सिर्फ रिकवरी नहीं हो बल्कि एफआईआर दर्ज करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जाए.

क्या है पूरा मामला:यहां बता दें कि मनरेगा में मार्च लूट की गई. 30 मार्च को यह मामला प्रकाश में आया. पता चला कि सदर प्रखंड द्वारा निर्धारित सीमा से 8 गुणा अधिक राशि की निकासी कर ली. 30 मार्च को ही ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रकाशित किया. जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई. खबर को संज्ञान में लेकर जांच आरम्भ कर दी गई. इसके बाद भाकपा माले ने इस अवैध निकासी को घोटाला करार देते हुए जांच करने की लिखित मांग रखी. चूंकि मामला काफी गंभीर है ऐसे में डीसी नमन प्रियेश लकड़ा सख्त हए और त्वरित करवाई करते हुए न सिर्फ जांच शुरू करवाया बल्कि कई बीपीओ का ट्रान्सफर भी कर दिया. इस ट्रांसफर लिस्ट में सदर प्रखंड के बीपीओ भिखदेव पासवान व हेमलता को भी शामिल किया गया.

Last Updated : May 27, 2023, 8:49 AM IST

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