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चंद रुपयों के लिए जावेद ने ली थी जिगरी दोस्त रंजीत की जान, पुलिस के सामने उगले कई राज - गिरिडीह के रंजीत हत्याकांड

गिरिडीह के रंजीत हत्याकांड(Ranjit murder case) के मुख्य आरोपी जावेद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दिसंबर 2020 में रंजीत की हत्या कर दी गई थी. महज चंद रुपए की खातिर जिगरी दोस्त कातिल बन गया. कत्ल करने के बाद वह ऐसा भागा कि उसे पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. घटना के लगभग 2 साल बाद जब वह पकड़ा गया तो उसने सारी कहानी पुलिस को बतायी.

Main accused of Ranjit murder case
Main accused of Ranjit murder case

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Published : Sep 4, 2022, 12:02 PM IST

Updated : Sep 4, 2022, 7:28 PM IST

गिरिडीहः ग्राफिक्स डिजाइनर रंजीत साव की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी जावेद को गिरफ्तार कर लिया गया है(Main accused of Ranjit murder case arrested). जावेद को गिरिडीह पुलिस की विशेष टीम ने गिरफ्तार किया है. रविवार को संभवतः जावेद को मीडिया के सामने लाया जाएगा. यहां बता दें कि 17 दिसंबर 2020 को रंजीत की हत्या उसके दोस्तों ने कर दी थी. इस हत्या से लोग काफी आक्रोश में थे और जावेद को गिरफ्तार करने का दबाव लगातार बनाया जा रहा था.

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ग्राफिक्स डिजाइनर रंजीत साव की हत्या (Ranjit murder case) में शामिल मुख्य आरोपी जावेद को गिरफ्तार कर लिया गया है. जावेद को गिरिडीह पुलिस की विशेष टीम ने गिरफ्तार किया है. पकड़े गए जावेद ने इस घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार भी कर ली. जावेद ने पुलिस को बताया है कि कैसे चंद रूपये की खातिर उसने अपने एक अन्य साथी मोकीम अंसारी के साथ मिलकर बेरहमी से रंजीत को पत्थर से कूच-कूच कर मार डाला. रविवार को जावेद अंसारी की गिरफ्तारी की पुष्टि एसपी अमित रेणू ने की.

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ऐसे दिया वारदात को अंजाम:पुलीसिया पूछताछ में धोबीडीह निवासी जावेद ने बताया कि रंजीत के साथ उसकी गहरी दोस्ती थी. उसने एक कमिटी से पैसा लिया था. रंजीत बार-बार पैसे के लिए तगादा करता था. वह इस तगादा से परेशान था. उसने यह बात अपने रिश्तेदार धोबीडीह निवासी मोकीम अंसारी को बतायी. इसके बाद रंजीत को रास्ते से हटाने का फैसल लिया गया. घटना के दिन 17 दिसंबर 2020 की शाम को उसने रंजीत को बुलाया. यहां-वहां की बात की इसके बाद पार्टी करने का निर्णय लिया गया. मोकीम भी साथ में था. बाद में मुर्गा बनाया गया. इसके बाद मुर्गा और बियर की बोतल लेकर वे लोग गुजियाडीह हवेली पहुंच गए. यहां पर बियर के साथ मुर्गा खाया गया. चुंकि पहले से ही हत्या की प्लानिंग कर ली गई थी ऐसे में हवेली में पहले से ही बड़ा सा पत्थर रखा गया था. जब रंजीत को नशा हो गया तो उसके सिर पर पत्थर से एक एक कर तीन बार वार किया गया. जब रंजीत ने दम तोड़ दिया तब दोनों बाइक पर सवार होकर वहां से भाग निकले.

रंजीत को हो गया था शक:जावेद ने बताया कि बियर पीने के दौरान पहली दफा जब मोकीम ने पत्थर उठाया तब रंजीत को कुछ शक हो गया. उसने मोकीम से पूछा पत्थर क्यूं उठाया इसपर मोकीम ने कहा कि वह व्ययाम कर रहा है. रंजीत को इस बात पर विश्वास हो गया और वह फिर खाने पीने लगा तभी पीछे से उसके सिर पर वार कर दिया गया.

लाश मिलते ही फरार हो गया था जावेद:बताया कि घटना के दूसरे दिन 18 दिसंबर को जब रंजीत के घरवाले उसे खोजने लगे तो उससे भी सम्पर्क किया. वह अंजान बनकर रंजीत की खोज में जुट गया और खोजते खोजते जब गांव के लोग हवेली पहुंचे तो वह भी उनके साथ हवेली तक गया, लेकिन यहीं पर वह चुपके से भाग गया और बस पर सवार होकर हजारीबाग चला गया. दूसरे दिन वह यहां से भी भाग गया. इसके बाद वह लगातार भागता रहा. दूसरी तरफ पुलिस भी उसके पीछे लगी हुई थी. ऐसे में हर बार वह अपना लोकेशन बदल रहा था. उसने फर्जी नाम से मोबाइल का सिम कार्ड भी ले रखा था जिसे वह बदलता रहता था.

धारावी में छिपा था जावेद:दूसरी तरफ जावेद को हर हाल में गिरफ्तार किया जा इसे लेकर जिले के एसपी अमित रेणू भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे. एसपी ने सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में विशेष टीम बना रखी थी. टीम में शामिल अधिकारी हर उस संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही थी जहां पर जावेद के छिपे होने की सूचना मिलती. यह विशेष टीम हैदराबाद, छत्तीसगढ़, कोलकाता, बिहार व झारखंड के कई जिले तक पहुंच चुकी थी. लेकिन हर बार जावेद भाग निकलता. इसी दौरान इस बार एसपी अमित की टीम को यह सूचना मिली की जावेद मुंबई में छिपा है.

इस सूचना के बाद सदर एसडीपीओ अनिल ने मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय कुमार राम की अगुवाई में एक टीम को मुंबई भेजी. टीम में शामिल इंस्पेक्टर विनय, सब इंस्पेक्टर पवन कुमार सिंह, प्रदीप कुमार मुंबई पहुंचे. यहां पर पुख्ता जानकारी मिली कि जावेद धारावी के एक खोली में छिपा है. गिरिडीह पुलिस की टीम वहां भी पहुंच गई लेकिन यहां से भी चकमा देकर जावेद भाग निकला. हालांकि पुलिस ने इस बार उसे हर हाल में पकड़ लेने का मन बना लिया था. बताया जाता है कि जावेद मुंबई से भागकर एक ट्रेन में बैठ गया और पुलिस भी उसके पीछे लग गई. इस दौरान पुलिस को यह जानकारी मिली कि इस बार जावेद भागकर वापस गिरिडीह आ रहा है. ऐसे में एसडीपीओ अनिल अन्य अधिकारीयों के साथ गिरिडीह में मुस्तैद हो गए और जैसे ही जावेद गिरिडीह पहुंचा तो उसे दबोच लिया गया. इधर जावेद की गिरफ्तारी के बाद इस घटना में प्रयुक्त बाइक को भी बरामद कर लिया गया है. बाइक यामहा कम्पनी की है जिसे छिपाकर रखा गया था.

उच्चकों के गिरोह में शामिल होने की चर्चा:इधर जावेद के पकड़े जाने के बाद कई तरह की चर्चा है. कहा जा रहा है कि मुंबई में जावेद उच्चकों के के गिरोह में भी शामिल हो गए था. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. पुलिस इस मामले पर भी छानबीन कर रही है. यहां बता दें इस घटना के दो दिनों बाद हत्या में शामिल जावेद का रिश्तेदार मोकीम को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी.

लोकल न्यूज चैनल का था डिजाइनर:यहां बता दें कि मृतक ग्राफिक्स डिजाइनर था और लोकल न्यूज चैनल को सेवा देता था. इस हत्याकांड के बाद लोगों में काफी आक्रोश था. महेशलुंडी व आसपास के लोगों ने काफी धरना प्रदर्शन किया था. थाना का घेराव भी हुआ था. महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव ने इस गिरफ्तारी पर पुलिस को साधूवाद दिया है. साथ ही साथ इस निर्मम हत्या में शामिल दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने की मांग रखी है. करहरबारी के पूर्व मुखिया अर्जुन रवानी, जेएमएम नेता हरगौरी साहू व भाजपा नेता कामेश्वर पासवान ने भी यही मांग रखी है.

Last Updated : Sep 4, 2022, 7:28 PM IST

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