गिरिडीह: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय सोमेन्द्रनाथ सिकदर की अदालत ने शनिवार को पीरटांड़ के पालगंज गांव में संपत्ति विवाद में राजेंद्र स्वर्णकार की तलवार से काट कर की गई हत्या मामले में सजा सुनाई है. न्यायालय ने मृतक के पिता कैलाश सोनार, सगा भाई शंकर सोनार, सुजीत सोनार एवं बजरंगी सोनार को विभिन्न धाराओं में अलग-अलग दंड से दंडित किया है.
ये भी पढ़ें:हत्या मामले में दंपती को आजीवन कारावास की सजा, पलामू कोर्ट का फैसला
अदालत ने भादवि की धारा 302/34 में चारों को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए अर्थ दंड से दंडित किया है. अर्थ दंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर चारों दोषियों को एक-एक साल अतिरिक्त साधारण कारावास का दंड भुगतना पड़ेगा. वहीं भादवि की धारा 307/34 में दस-दस साल सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रूपये अर्थ दंड से दंडित किया गया है. अर्थ दंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर छह-छह अतिरिक्त साधारण कारावास का दंड भुगतना पड़ेगा. इसके अलावा भादवि की धारा 323/34 में एक साल कारावास के दंड से दंडित किया है.
संपत्ति विवाद में हुआ था खूनी खेल:वारदात पीरटांड़ थाना क्षेत्र के पालगंज के महादेवडीह गांव की है. इस संबंध में पीरटांड़ थाना में कांड संख्या 6/2022 के तहत एक मामला दर्ज किया गया था. जमीन विवाद में छोटे भाइयों ने एक साथ मिलकर बड़े भाई 51 वर्षीय राजेंद्र स्वर्णकार की हत्या कर दी थी. हत्या में राजेंद्र स्वर्णकार के पिता की मुख्य भूमिका रही थी. इस हमले में मृतक के दो पुत्र भी घायल हुए थे. घायल होने वालों में मृतक के पुत्र संजय स्वर्णकार एवं संदीप स्वर्णकार शामिल थे. घटना के बाद तीनों लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद राजेंद्र को मृत घोषित कर दिया था.
चोरी के आरोप के बाद विवाद पकड़ा था पुराना विवाद:जानकारी के अनुसार राजेंद्र स्वर्णकार ने अपने सगे भाइयों पर घर में घुसकर चोरी करने का आरोप लगाया था. इस मामले में पीरटांड़ थाना में राजेंद्र ने अपने भाइयों के विरुद्ध शिकायत किया था. परिवार में पहले से संपत्ति का विवाद चल रहा था. इस शिकायत के बाद पुराने विवाद ने तूल पकड़ लिया. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि राजेंद्र स्वर्णकार के पिता और भाई के साथ अचानक महादेवदीह गांव पहुंचे और उसके बाद इस तरह की घटना घट गयी.