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Giridih news: नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास, चाची की हत्या करने वाली दंपति भी काटेगी उम्र कैद - Jharkhand news

गिरिडीह में दो अलग अलग मामले की सुनवाई हुई. एक मामला अपहरण और दुष्कर्म से जुड़ा है तो दूसरा मामला हत्या से. दोनों मामले में न्यायालय ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Life imprisonment for kidnapping and raping minor in giridih
Life imprisonment for kidnapping and raping minor in giridih

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Published : Jul 31, 2023, 9:26 PM IST

गिरिडीह: नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई गई है. इसके साथ ही साथ 35 हजार रुपए अर्थ दंड भी लगाया गया है. पोक्सो के स्पेशल कोर्ट के स्पेशल जज सह जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम यशवंत प्रकाश की अदालत ने सोमवार को बिरनी थाना क्षेत्र के खरखरी गांव निवासी सचिन राय को विभिन्न धाराओं में दंडित किया है.

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अदालत ने दोषी सचिन राय को पोक्सो एक्ट के सेक्सन 4(1) में दंडित किया है. अर्थ दंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर दोषी को छह माह अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. इसके अलावा पोक्सो एक्ट के सेक्शन 8 में दोषी को पांच साल सश्रम कारावास और 5 हजार रुपये अर्थ दंड दिया गया है. जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करने पर तीन माह सश्रम कारावास की सजा दोषी को भुगतना होगा. इसी प्रकार भादवि की धारा 366 में दस साल सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये अर्थ दंड से दंडित किया गया है. अर्थ दंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर छह माह अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी.

क्या है मामला:यह मामला बिरनी थाना क्षेत्र के एक गांव का है. 19 मार्च 2022 को एक नाबालिग लड़की का बुरी नियत से अपहरण कर लिया गया था. इस मामले को लेकर बिरनी थाना में कांड संख्या 56/22 दिनांक 21.03.2022 दर्ज है. प्राथमिकी अपह्रत नाबालिग के भाई के शिकायत पर दर्ज की गई थी. प्राथमिकी में 19 मार्च की रात को उसकी नाबालिग बहन को सचिन राय द्वारा उसके घर से अपहरण कर लिये जाने का आरोप लगाया गया था. प्राथमिकी में कहा गया था कि सुबह जब उन्होंने बहन को घर पर नहीं देखे तो काफी खोजबीन की पर कुछ पता नहीं चला. इसी बीच पता चला कि सचिन राय भी घर पर नहीं है. प्राथमिकी में सचिन राय पर उसकी बहन को गलत नियत से अपहरण कर लेने एवं उसके साथ बलात्कार कर जान मार कर फेंक दे सकने की आशंका जतायी गयी थी.

मंझली देवी हत्याकांड में दंपत्ति को किया दंडित:चाची की हत्या के मामले में दोषी दंपत्ति पर आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपये अर्थ दंड लगाया गया है. जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय सोमेंद्रनाथ सिकदर की अदालत ने सोमवार को भादवि की धारा 302 में दोषी बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बुढ़िया सराय गांव के मीनू हेम्ब्रम एवं उसकी पत्नी गीता मुर्मू को दोषी पाया. वहीं अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में इसी मामले के तीसरे आरोपी सोबन हेम्ब्रम को रिहा कर दिया.

घर से खींचकर की थी हत्या:यह मामला बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बुढ़िया सराय गांव का है. 25 अक्तूबर 2020 की रात घर से खींचकर बाहर निकालकर मंझली देवी को मारपीट कर उसकी हत्या कर दी गयी थी. मंझली देवी दोषी मीनू हेम्ब्रम की चाची थी. यह मामला बेंगाबाद थाना कांड संख्या 215/2020 से संबंधित है. मामले की प्राथमिकी मंझली देवी के पति रशी हेम्ब्रम के फर्द बयान पर दर्ज किया गया था. रशी का कहना था कि उसने अपने भतीजा मीनू हेम्ब्रम को पांच हजार रुपए दिए थे. पैसा को उसकी पत्नी मंझली देवी शाम मांगने के लिए मीनू के घर गयी थी. मीनू ने उसकी पत्नी को पैसा नहीं दिया और डांट के भगा दिया. इसके बाद रात लगभग 11 बजे मीनू उसकी पत्नी गीता, सोबन एवं मीनू के दोनों पुत्र सचिन हेम्ब्रम और संदीप हेम्ब्रम उसके घर आये और उसकी पत्नी मंझली देवी को सभी लोग मिलकर घर से खींचकर बाहर रोड पर ले गये और लाठी, डंडा, लात, मुक्का से मारपीट करने लगे.

मारपीट करते देख उसकी बेटी और बेटा वार्ड सदस्य के घर रोते हुए गये और गांव के सभी लोग जुट गये. इसके बाद जब वह रोड पर जाकर अपनी पत्नी को देखा तो उसकी पत्नी मंझली देवी की मृत्यु हो चुकी थी. इस मामले में तफ्तीश के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों के विरूद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था.

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