गिरिडीह: पूरे देश में साइबर अपराधों के तार अक्सर गिरिडीह, जामताड़ा और देवघर से जुड़ते रहते हैं. यहां से ठग आम से खास तक को निशाना बना रहे हैं. देश के अधिकांश प्रांतों की पुलिस किसी न किसी मामले में आरोपियों की तलाश मेंं इन जिले में आ चुकी है और कइयों को गिरफ्तार कर ले गई है. कहा जाए तो साइबर अपराध के मामले में जामताड़ा, देवघर के बाद गिरिडीह ही सुर्खियों में रहा है.
गिरिडीह में सक्रिय ठगी के ज्यादातर अपराधी रिश्तेदार, साझा करते हैं ठगने की तरकीब - गिरिडीह क्राइम न्यूज
पूरे देश में साइबर अपराधों के तार अक्सर गिरिडीह, जामताड़ा और देवघर से जुड़ते रहते हैं. यहां से ठग आम से खास तक को निशाना बना रहे हैं. यहां सक्रिय अधिकतर अपराधी आपस में रिश्तेदार हैं, जो ठगी की तरकीब साझा कर रिश्तेदारों को जुर्म के दलदल में उतार रहे हैं.
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कंपनी कर्मियों से साठगांठ
डीएसपी ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात है कि तकनीक में बदलाव किया गया है. पहले ये लोग यहीं पर बैठकर बाहर के राज्यों के लोगों को कॉल किया करते थे. अभी बल्क मैसेज भेजने वाली कंपनियों के कुछ एक कर्मियों के साथ इन लोगों ने साठ-गांठ कर ली है. अब ये लोग एक बार में ही हजारों लोगों को बल्क मैसेज भेजते हैं, जिनके पास मैसेज पहुंचता है तो उनमें से कुछ लोग झांसे में आकर मैसेज में आए नंबर पर कॉल बैक करते हैं, जिसके बाद इन्हें ठगने का मौका मिलता है.
लगातार होती रही गिरफ्तारी
बताया गया कि अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए 2014-15 से लगातार कार्रवाई हुई है. अभी साइबर थाना बनने के बाद ढाई वर्ष में 240 के आसपास गिरफ्तारी हो चुकी है. साइबर थाना बनने से पहले जनवरी 2018 तक गिरिडीह पुलिस ने 257 अपराधियों को जेल भेजा था. इसके अलावा दूसरे प्रदेश से की पुलिस भी अपराधियों को जेल भेजती रही.