बगोदर, गिरिडीह: झारखंड के 30 प्रवासी मजदूर पिछले दो महीने से मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के बेटोंग में फंसे हुए हैं. इन मजदूरों में गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के विभिन्न प्रखंडों के मजदूर शामिल हैं. मजदूरों की वतन वापसी के लिए सरकारी स्तर पर किसी भी तरह की कोशिश नहीं होने के कारण इन मजदूरों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. इन मजदूरों की जब किसी ने मदद नहीं कि तो उन्होंने एक वीडियो बना कर सोशल मीडिया में पोस्ट किया है.
मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूर, हाथ जोड़कर वतन वापसी की कर रहे अपील
झारखंड के 30 प्रवासी मजदूर पिछले दो महीने से मलेशिया में फंसे हुए हैं. मजदूरों की वतन वापसी के लिए सरकारी स्तर पर किसी तरह की कोई पहल शुरू नहीं हुई है. इससे मजदूरों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. मलेशिया में फंसे मजदूरों ने सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर कर केंद्र और राज्य सरकार के साथ स्थानीय जन प्रतिनिधियों से वतन वापसी में सहयोग करने की अपील की है.
मनेशिया में फंसे मजदूरों का वीडियो सामने आया है उसमे मजदूर हाथ जोड़कर अपील कर रहे हैं कि मलेशिया से किसी तरह उनकी वतन वापसी कराई जाए. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के अलावा स्थावनीय जन प्रतिनिधियों से भी मदद की अपील की है. मजदूरों मे जो वीडियो शेयर किया है उसमें उनका दर्द साफ झलक रहा है. मजदूरों का कहना है कि तीन साल पहले एजेंट के जरिए वे मलेशिया पहुंचे थे. मलेशिया में वे तीन साल के एग्रीमेंट पर लीड मास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी कंपनी में मजदूरी कर रहे थे. एग्रीमेंट का समय पूरा होने के बाद कंपनी मजदूरों को भारत नहीं भेजा रही है. मजदूरों का कहना है कि उनका तीन महीने का मजदूरी भी बकाया है.
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दो महीने पहले भी लगा चुके हैं गुहार:मलेशिया में फंसे मजदूरों ने दो महीने पहले भी सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर किया था. जिससें मलेशिया में फंसे होने की बात कही गई थी. उस वीडियो में भी उन्होंने वतन वापसी में सहयोग की अपील की गई थी, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ. मलेशिया में फंसे मजदूरों में बगोदर के खेतको निवासी रामेश्वर महतो, बासुदेव महतो, विनोद महतो, डुमरी प्रखंड के बुद्धदेव प्रसाद, देवानंद महतो, विनोद महतो, बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के दुलारचंद महतो, भुनेश्वर कमार, झरी कमार, हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ प्रखंड के गोबिंद महतो, चैतलाल महतो, मनोज महतो, सुरेश महतो सहित 30 मजदूर शामिल हैं.