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कांग्रेस का चिंतन शिविरः भाषा विवाद पर नेताओं की दो टूक, नइखे बा भोजपुरी मुद्दा- रामेश्वर उरांव - Jharkhand Congress

गिरिडीह में झारखंड कांग्रेस का चिंतन शिविर चल रहा है. शिविर के पहले दिन सेकुलरिज्म पर चर्चा हुई. इसके अलावा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का भी मुद्दा छाया रहा. शिविर के बाहर कांग्रेसी नेता भाषा विवाद पर भी खुलकर बोले.

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कांग्रेस का चिंतन शिविर

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Published : Feb 20, 2022, 9:02 PM IST

Updated : Feb 21, 2022, 6:15 AM IST

गिरिडीहः झारखंड कांग्रेस का राज्यस्तरीय चिंतन शिविर मधुबन में चल रहा है. पहले दिन सेकुलरिज्म पर चर्चा हुई. झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि अन्य गंभीर मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा होगी. वहीं शिविर के बाहर कांग्रेस नेता सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने भोजपुरी भाषा पर अपनी बात भोजपुरिया अंदाज में ही रखी.

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सूबे के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य अलग हुआ है बिहार से तो भाषा की चर्चा होनी चाहिए, भोजपूरी यहां की भाषा नहीं हैं. पत्रकारों के सवाल पर वित्त मंत्री ने भोजपूरी में ही जवाब देते हुए सवाल किया कि 'बोलीला रउरा भोजपुरी' बाद में कहा कि रउआ के खातिर भोजपुरी मुद्दा होला झारखंड के लिए नहीं है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि इंग्लैंड से पांच हजार लोग यहां रहने लगेंगे तो अंग्रेजी को राज्य की भाषा का दर्जा नहीं दे देंगे. उन्होंने कहा कि वो राज्य सरकार के हर निर्णय के साथ हैं. यह भी कहा आनेवाला बजट लोक हित में होगा.

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गिरिडीह में कांग्रेस का राज्यस्तरीय चिंतन शिविर में पहुंचीं झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि जनता को कैसे लाभ मिले इसपर भी शिविर में चिंतन किया जा रहा है. भाषा का मामला जब मंत्रिमंडल में गया था, उसी वक्त मंत्री को इसपर ध्यान देना चाहिए था ताकि किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचे. अब रही हिंदी की बात तो यह हमारी मातृ भाषा है और इसे राज्य की भाषा में शामिल करना चाहिए.


इस मौके पर जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि बाबूलाल की वो काफी इज्जत करते हैं लेकिन जिस तरह वो भाजपा में गए और जो भाषा बोल रहे हैं, वह कहीं से उचित नहीं है. हम कहते हैं कि बाबूलाल को भाजपा से इस्तीफा दे देना चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि इस राज्य को लूटने का काम उत्तर प्रदेश, छतीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लोगों ने किया है. हमें राज्य की अस्मिता की रक्षा करनी है, जो लोग लड़वाना चाहते हैं उनकी बातों में नहीं आना है.

Last Updated : Feb 21, 2022, 6:15 AM IST

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