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ETV BHARAT IMPACT: गिरिडीह के नौकनिया गांव में है बदहाली का आलम, अधिकारियों ने लिया गांव का जायजा - गिरिडीह में बदहाली का आलम

गिरिडीह में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. जिले के पीरटांड़ प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में गरीबी के साथ-साथ बदहाली के आलम की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने गांव का जायजा लिया और इलाके में रोजगार समेत लोगों तक अन्य सुविधा पहुंचाने की बात कही.

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खबर का असर

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Published : May 19, 2020, 8:11 PM IST

गिरिडीह: जिले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. गिरिडीह के उग्रवाद प्रभावित नौकनिया और उससे सटे इलाके के लोगों का जीवनस्तर काफी निम्न था, यहां के लोग विकास से कोसों दूर थे. ईटीवी भारत ने इलाके लोगों की बदहाली की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की था, जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने इस गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और क्षेत्र के लोगों को मदद पहुंचाने समेत रोजगार मुहैया कराने के लिए कदम उठाने की बात कही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

गिरिडीह जिले के पीरटांड़ प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाके की गरीबी और यहां के लोगों के बदहाली की तस्वीर दिखाने के बाद प्रशासनिक स्तर पर मदद पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है. राशनकार्ड से वंचित लोगों को कार्ड दिलवाने की पहल शुरू की गई है. वहीं कई गरीबों को अनाज भी दिया गया है. इसके अलावा मुखिया को भी कहा गया है कि वह गरीबों को समय पर अनाज मुहैया कराए.

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इस इलाके की स्थिति की जानकारी मिलने के बाद झारखंड स्टेट लाइब्लीहुड प्रमोशन सोसायटी के डीपीएम संजय गुप्ता और पीरटांड़ प्रखंड के प्रमुख सिकंदर हेंब्रम के साथ बीपीएम उदय चौधरी नौकनिया पहुंचे. उन्होंने गांव में मास्क, सेनेटाइजर और साबुन का वितरण किया. वहीं अधिकारियों ने यह भी पता लगाया गया कि पारसनाथ पर्वत और तराई इलाके से कौन-कौन सा जंगली फल, कंद, फूल ग्रामीण लाते हैं. पूरी जानकारी लेने के बाद डीपीएम ने कहा कि वन धन विकास योजना से इस इलाके को जोड़ा जाएगा और जो जंगली फल है उसकी खरीदारी से लेकर विक्रय तक का काम इसी योजना के तहत की जाएगी.

दीदी किचन में बढ़ाई गई व्यवस्था

अधिकारियों ने नौकनिया में संचालित दीदी किचन की भी जानकारी ली. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि दीदी किचन से लोगों को लाभ मिल रहा है. वहीं संचालिका ने बताया कि यहां भीड़ काफी हो जाती है ऐसे में अनाज कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके सहयोगियों को मानदेय भी नहीं मिलता है. पूरी बात सुनने के बाद डीपीएम ने कहा कि यहां दीदी किचन में ज्यादा अनाज दिया जाएगा, जबकि हर दिन के हिसाब 500 रुपया अलग से दिया जाएगा, जिसे संचालिका और उनके सहयोगी आपस में बांट सकते हैं.

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