गिरिडीह: इलाके में जमीन की लूट मची हुई है, कई लोग सरकारी जमीन की घेराबंदी में जुटे हुए हैं. ताजा मामला सदर प्रखंड के चुंजका मौजा के रवानीपुर का है. जहां पर कुछ लोगों ने सरकारी जमीन की घेराबंदी के दौरान तालाब को काट दिया गया है. जिसका विरोध ग्रामीणों ने किया है. पूरे मामले की शिकायत अंचलाधिकारी के अलावे कई अधिकारियों से की गई है. यह बताया गया कि किस तरह कुछ रैयती जमीन को खरीद कर बड़े भूखंड पर कब्जा किया जा रहा है. जिस जमीन पर कब्जा हो रहा है, उसका अधिकांश हिस्सा सरकारी है. लोगों ने कहा कि सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने कोयला का कारोबार भी शुरू कर दिया है. इलाके में संचालित एक फैक्ट्री पर भी निशाना साधा और उसकी जमीन की भी जांच करने की मांग की है.
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धान की फसल बर्बाद
ग्रामीणों ने बताया कि जमीन की घेराबंदी करने वालों ने जिस तालाब को काटा है, उससे तालाब के समीप खेतों में लगे फसल खराब हो गए हैं. इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है. किसानों ने मुआवजे की भी मांग की है.
जांच में सामने आई गड़बड़ीइधर ग्रामीणों की शिकायत को अंचलाधिकारी ने गंभीरता से लिया. जिसके बाद पूरे मामले की जांच के लिए अंचल निरीक्षक जितेंद्र कुमार, अमीन अजय कुमार यादव और कर्मचारी राजेश कुमार चौधरी मौके पर पहुंचे. जांच के बाद अंचल निरीक्षक ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत सही मिली है. सरकारी जमीन पर ट्रेंच कटा भी पाया गया है, उन्होंने कहा कि इस मामले में कार्रवाई होगी.
औद्योगिक इलाके में जमीन की लूट बता दें कि गिरिडीह के औद्योगिक इलाके में जमीन की लूट मची है. कई फैक्ट्रियां तो जंगल की जमीन पर चल रही हैं, जिसकी शिकायत भी अधिकारियों से की गई है. जांच भी शुरू हुई है लेकिन कार्यवाई शिथिल है. पिछले दिनों गादी श्रीरामपुर मौजा में भी इसी तरह का मामला सामने आया था जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
जमीन घेराबंदी के खिलाफ माले
इसी तरह पचम्बा थाना इलाके के मोहनपुर में एक जमीन की घेराबंदी से तनाव की स्थिति है. यहां वर्षों से खाली पड़ी जमीन को घेरा जा रहा है. इसे लेकर भाकपा माले ने आंदोलन की चेतावनी दी है. माले नेता राजेश यादव और राजेश सिन्हा ने कहा कि इस जमीन पर 15 गरीब रहते हैं. अब इन गरीबों को उजाड़ने की तैयारी की गई है. कहा कि इस जमीन का मामला जब न्यायालय में लंबित है तो घेराबंदी कैसे हो रही है. दूसरी तरफ जमीन की घेराबंदी कर रहे लोगों ने कहा कि कानूनी तौर पर सब सही है कुछ लोग बेवजह विवाद कर रहे हैं.