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यहां हिंदू भी मनाते हैं मुहर्रम, वर्षों से चली आ रही परंपरा

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Published : Jul 29, 2023, 5:01 PM IST

Updated : Jul 29, 2023, 7:54 PM IST

गिरिडीह में आपसी एकता की तस्वीर देखने को मिल रही है. यहां हिन्दू परिवार भी मुहर्रम के मातम में शामिल होते हैं. यह परंपरा दशकों से चल रही है.

mourning of Muharram in Giridih
mourning of Muharram in Giridih

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जमुआ, गिरिडीह: जिले के देवरी और बिरनी प्रखंड के कई गांव के हिंदू परिवार मुहर्रम मना रहे हैं. इन परिवारों द्वारा मुहर्रम मनाने की परंपरा वर्षों पुरानी है. वर्षों से सभी नियमों का पालन करते हुए हिंदू इस पर्व को मनाते हैं. इस बार भी देवरी प्रखंड के चतरो, चितरोकुरहा, घसकरीडीह, गोरटोली, किसगो और हथगड़ गांव में हिंदू समाज के द्वारा समाजिक सद्भाव के साथ मुहर्रम पर्व मनाया जा रहा है.

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प्रखंड के चतरो में ललन साव के नेतृत्व में मुहर्रम मनाया जा रहा है. यहां पर कई दशक से हिंदू समुदाय के द्वारा मुहर्रम मनाया जाता है. जानकारी के मुताबिक पूर्व में यहां पर मुस्लिम परिवार के द्वारा मुहर्रम मनाया जाता था, लेकिन जब मुस्लिम परिवार गांव को छोड़ कर दूसरी जगहों पर जाने लगे, एक मुस्लिम परिवार के सदस्य रहे झुलवा कलवारणी की आग्रह पर हिंदू परिवार के सदस्यों ने मुहर्रम पर्व मनाने की शुरुआत की, जो कि अब तक जारी है. मुहर्रम पर्व में पूरे गांव के लोग भाग लेते हैं. मुहर्रम के नौंवी के दिन गांव के सभी परिवार के लोग इमामबाड़ा के पास पहुंचकर शिरनी चढ़ाते हैं.

हथगढ़ गांव में भी मुहर्रम मना रहे हैं हिन्दू:इसी तरह हथगढ़ गांव में भी हिन्दू मुहर्रम मना रहे हैं. यहां के सोना साव, भुना साव, फोगल साव, प्रेम साव के परिवार के सदस्यों के द्वारा वर्षों से मुहर्रम मनाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व में इसी गांव के खेमचंद साव, चितो साव और बुद्धन साव के द्वारा परिवार को संकट से उबारने की दुआ कबूल होने पर मुहर्रम मनाना शुरू किया गया, जो कि आज तक अनवरत रूप से जारी है.

Last Updated : Jul 29, 2023, 7:54 PM IST

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