गिरिडीह: शादी के पांच दिन शेष थे तभी तिलक से एक दिन पहले वर अपने घर की छत से नीचे आ गिरा. सिर से लेकर पैर तक चोट लग गई. गंभीरावस्था में लड़के को गिरिडीह से रांची के बड़े अस्पताल ले जाया गया. नौबत विवाह से पहले ही संबंध टूटने को आ चुका था लेकिन अपने परिवार के साथ लड़की मुखर हो कर न सिर्फ घायल लड़के के साथ खड़ी हो गई बल्कि यह भी कहा कि जब ऊपर वाले ने दोनों की जोड़ी बनाई है तो यह टूट नहीं सकती. वह हर हाल में उसी लड़के के साथ शादी करने पर अड़ी जिससे उसकी शादी ठीक हुई थी. इसी परिस्थिति में तय तिथि को विवाह भी हुआ और दोनों परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे. कहा जाए तो बड़े पर्दे पर चित्रित होनेवाली कहानी हकीकत में देखने को मिली.
Unique Love Story: विवाह से पहले लड़के के साथ हुआ हादसा, फिर भी दोनों परिवार के साथ लड़की रही डटी, मंदिर में हुई शादी
विवाह से ठीक पहले हादसा हो गया. गंभीर स्थिति में लड़का अस्पताल में भर्ती हो गया. स्थिति नाजुक थी. दोनों पक्ष ऊहापोह में थे लेकिन अपने परिवार के साथ लड़की होने वाले पति के साथ न सिर्फ खड़ी रही बल्कि विपरित परिस्थिति में शादी भी रचाई. पढ़िए समाज को संदेश देने वाली प्रेम और विवाह की सुखद कहानी.
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यह सुखद वैवाहिक कहानी गिरिडीह के महेशलुंडी की है. दरअसल महेशलुंडी के रहनेवाले महावीर साव के पुत्र अभिषेक कुमार साव की शादी देवरी के कोसोगोंदोंदिगही निवासी देवनारायण साव की प्रीति कुमारी संग तय हुई थी. वैवाहिक कार्यक्रम की सारी तिथि तय कर ली गई. तय तिथि के अनुसार 10 मार्च को तिलक, 14 मार्च बारात और 15 की सुबह सुबह विवाह का समय तय हुआ. तभी हादसा हो गया. तिलक से एक दिन पहले 9 मार्च को घर की छत पर से कपड़ा उतारने के दौरान अभिषेक छत से गिर गया और उसके सिर से लेकर पैर तक गंभीर चोट लगी.
परिजन उसे लेकर गिरिडीह के अस्पताल पहुंचे. यहां पर अभिषेक की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे रांची के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां पर सर्जरी की बात कही गई. अभिषेक के पिता के साथ घर गांव के लोग चिंतित हो गए. तरह तरह की बातें की जाने लगी. तभी लड़की के घरवाले पहुंचे. विपरीत परिस्थिति में लड़का व उसके परिवार के साथ खड़े हो गए. अस्पताल में इलाज हुआ. स्थिति में कुछ सुधार हुआ तो घायल अभिषेक को घर लाया गया. यहां पपरवाटांड़ शिव मंदिर में 15 मार्च की सुबह सुबह मंत्रोच्चारण के साथ दोनों का विवाह संपन्न हुआ.
लोग कहते रहे तरह तरह की बात, नहीं डिगा परिवार:घटना के बाद दोनों पक्ष के कुछ लोग कई तरह की बातें कहने लगे. कोई शादी तोड़ने तो कोई रुकने की बात कह रहा था लेकिन दोनों परिवार ने शांत मन से निर्णय लिया. जहां लड़की ने साफ कहा कि जोड़ी जब ऊपर वाले ने बनायी है तो उसे तोड़ने वाला दूसरा कौन होता है. सुख दुख में साथी बनना है ऐसे में दुख की इस घड़ी में हम अभिषेक को छोड़ नहीं सकते. वहीं अस्पताल में इलाज के दौरान अभिषेक भी अपनी होने वाली पत्नी प्रीति के संदर्भ में पूछता रहा. दोनों परिवार के लोग भी आपस में एक दूसरे के भविष्य को लेकर बातें करते रहे. दोनों परिवार ने यह भी देखा कि चन्द दिनों में ही अभिषेक और प्रीति के बीच काफी प्रेम हो चुका था ऐसे में तय तिथि को शादी करने का निर्णय लिया गया.
लोगों ने की तारीफ:इधर इस विवाह के बाद दोनों परिवार के निर्णय की तारीफ लोग कर रहे हैं. पूर्व मुखिया हरगौरी साहू, समाजसेवी विनोद साव, बीरेंद्र मंडल, निरपत साव, गणेश, सुधीर, अधिवक्ता महेंद्र, प्रवीण समेत कई ने कहा कि जहां छोटी छोटी बात पर वैवाहिक संबंध बनने से पहले टूट जाता है. वहीं इस परिवार ने समझदारी के साथ दो दिलों को मिलाने का काम किया.