गिरिडीहःबगोदर वन प्रक्षेत्र के हेठली बोदरा के उजड़े जंगल में एक बार फिर से हरियाली आ रही है. पेड़- पौधों की कटाई पर रोक लगाए जाने के बाद पौधे अब पेड़ का रूप लेने लगे हैं. वन बचाव समिति की सजगता से ही ऐसा मुमकिन हो पाया है. हेठली बोदारा के जंगल में सखुआ के पेड़-पौधों के अलावा अन्य प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते हैं. पौधे की कटाई नहीं होने से अब वह पेड़ का रुप धारण करते जा रहे हैं. इससे जंगल भी घना दिखने लगा है.
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एक साल पूर्व हुआ था वन बचाव समिति का गठनः बगोदर वन प्रक्षेत्र का हेठली बोदरा जंगल वर्षों पुराना है. वर्तमान की अपेक्षा पूर्व में जंगल लंबे भू-भाग में फैला हुआ था. पेड़- पौधों की कटाई और वन क्षेत्र की जमीन पर अवैध कब्जा कर खेत बनाए जाने के कारण वन क्षेत्र धीरे-धीरे कमता गया. इधर पेड़ों के लगातार हो रहे सफाए को देखते हुए लगभग एक साल पूर्व एक बार फिर ग्रामीणों ने चिंता व्यक्त करते हुए जंगल को बचाने का निर्णय लिया. इसके बाद ग्रामीणों और वन कर्मियों की उपस्थिति में वन बचाव समिति का गठन किया गया. संतोष यादव को सर्वसम्मति से समिति का अध्यक्ष बनाया गया.
लोगों में जागरुकता से लौटी हरियालीःइस संबंध में वन बचाव समिति के अध्यक्ष संतोष यादव ने कहा कि जंगल की रखवाली और निगरानी के लिए वे रोज सुबह और शाम जंगल की तरफ निकलते हैं. उन्होंने बताया कि वैसे जंगल में पेड़ों की कटाई पर एक साल से नियंत्रण है. जंगल बचाने के प्रति लोगों में जागरुकता भी देखी जा रही है. लोगों में जागरुकता ऐसी हीं बनी रहे तो वह दिन दूर नहीं जब एक बार फिर जंगल पहले की तरह घना हो जाएगा. उन्होंने बताया कि जंगल में पेड़ों को बचाने में वनरक्षी संजीत कुमार का भी सहयोग मिलता रहता है. जरूरत पड़ने पर जब उन्हें बुलाया जाता है वे चले आते हैं.