गिरिडीहः जिले को साइबर अपराधियों से मुक्त करने का अभियान जिला की पुलिस ने शुरू कर रखा है. हर दो तीन दिन में अपराधी पकड़े जा रहे हैं. इस बार एसपी दीपक कुमार शर्मा के नेतृत्व में डीएसपी संदीप सुमन की टीम ने 12 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सभी अपराधी रैंडमली सीरियल कॉलिंग करते हुए लोगों को ठगने का काम करते थे.
इस मामले की जानकारी एसपी दीपक कुमार शर्मा ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में दी. एसपी ने बताया कि प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से उन्हें सूचना मिली कि अहिल्यापुर, गांडेय व बेंगाबाद थाना क्षेत्र में कुछ साइबर अपराधी सक्रिय हैं. इस सूचना पर डीएसपी संदीप के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. टीम ने छापा मारा और 12 अपराधियों को पकड़ा गया.
गिरफ्तार आरोपीःएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में अहिल्यापुर थाना इलाके कोलडीह निवासी पवन कुमार राणा ( पिता घनश्याम राणा ), पिपरासिंघा निवासी मुकेश मंडल ( पिता मंगर मंडल ), गांडेय थाना इलाके के भरकुंडा निवासी मो शमसाद अंसारी व सजाद आंसरी ( दोनों पिता उसमान अंसारी ), कुलजारी निवासी सलामत अंसारी ( पिता याकुब मियां ), रकसकुट्टो निवासी निर्मल कुमार मंडल ( पिता स्व हरी मंडल ), ताराटांड थाना इलाके के अहिल्यापुर मोड निवासी रूपेश मंडल ( पिता महावीर मंडल ), झितरी निवासी सोहन मंडल ( पिता धनेश्वर मंडल ), बेंगाबाद थाना इलाके के महदैया निवासी नितेश कुमार ( पिता बुलाकी मंडल ), सा०-, पंकज कुमार मंडल ( पिता दुधेश्वर मंडल ), देवघर जिला के बुढई थाना इलाके के झिलुआ निवासी सच्चिदानंद कुमार मंडल ( भुखन मंडल ) व उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला अंतर्गत खरगूपुर थाना क्षेत्र के झुरीकुआं निवासी दीपक वर्मा शामिल हैं.
ठगी का पैसा भी बरामदःएसपी ने बताया कि इस बार पुलिस ने साइबर ठगी से लूटे गए पैसे को भी बरामद किया है. इनके पास से 2 लाख 19 हजार रुपया बरामद किया गया है. इसके अलावा 19 मोबाइल सेट, 33 सिमकार्ड, पांच बाइक, एक एटीएम कार्ड बरामद किया गया है.
अपराध का तरीकाःएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि वे गर्भवती महिलाओं को फोन करते थे. मातृत्व लाभ दिलाने का झांसा देते थे फिर रिमोर्ट एक्सेस ऐप इंस्टॉल करवा कर ठगी करते है. ये लोग एयरटेल पेमेंट बैंक के मित्रा एप्प से लोगों का ई वॉलेट नंबर जुगाड़ कर पैसे की ठगी करते थे.
डाटा कंपनियों से सांठ-गांठःएसपी ने बताया कि रैंडम नंबरों पर सीरियल कॉलिंग कर बैंक के फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को झांसे में लेकर ओटीपी, पासवर्ड प्राप्त कर उनसे पैसे ठगी करते हैं. इनका डाटा उपलब्ध करवाने वाली कम्पनियों से भी सांठ-गांठ हैं. इन्हीं के माध्यम से ये आम नागरिकों के नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि से संबंधित डाटा प्राप्त करते हैं और अपराध करते हैं. ये लोगों को फर्जी सिमकार्ड और एटीएम कार्ड भी उपलब्ध कराते हैं.