गिरिडीह: बगोदर थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथी तबाही मचा रहे हैं. हाथियों के कहर से लाखों की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. भय से ग्रामीण रात में चैन की नींद सो नहीं पा रहे हैं. बावजूद इसके हाथियों को भगाने के लिए वन विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कब तक हाथियों का उत्पात इलाके में जारी रहेगा और हाथियों को भगाने के लिए एक्सपर्ट टीम को कब बुलाया जाएगा?
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हाथियों के द्वारा घरों को ढ़ाह दिया जा रहा. चहारदीवारी को ढाहकर फसलों को रौंद दिया जा रहा है. हाथियों के इस उत्पात से ग्रामीणों में भय का माहौल है. जब गांव में हाथियों का झुंड प्रवेश करता है तब हाथियों को खदेड़ने के लिए वन विभाग की टीम पहुंचती है. ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों को खदेड़ तो दिया जाता है. फिर दूसरे दिन हाथियों का झुंड रात में दूसरे गांव पहुंच जाता है.
इस तरह से पिछले 4 सितंबर से 11 सितंबर तक हाथियों के द्वारा आधे दर्जन गांवों में लगातार तबाही मचाई जा रही है. सोमवार को रात्रि में हाथियों का झुंड घोसको गांव पहुंच गया और यहां चहारदीवारी को तोड़ते हुए बादाम, मक्के, धान आदि के फसलों को रौंद डाला है. इसके पूर्व रविवार को रात्रि में हाथियों ने आदिवासी गांव पहाड़पुर पहुंचकर वहां दर्जनों खपरैल मकानों को तोड़ दिया और घरों में रखे अनाजों को चट कर गया. इतना हीं नहीं हाथियों के द्वारा ढाहे गए घरों के मलबे से दबकर एक गाय और एक बकरी की भी मौत हो गई.
गौरतलब है कि झुंड में 30 की संख्या में हाथी और उसके बच्चे हैं. हाथियों ने 4 सितंबर को कसियाटांड, 5 सितंबर को गम्हरियाट, 6 सितंबर को कूदर और मुंडरो में भारी तबाही मचाई थी. इसके बाद 7 और 8 सितंबर को फसलों को रौंदा था. इसके बाद 10 सितंबर को पहाड़पुर और 11 सितंबर को घोसको में उत्पात मचाया है. हाथियों के कहर से सैकड़ों किसानों के फसलों को नुकसान हुआ है. वहीं दो दर्जन से अधिक घरों को ढाहा गया है.