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Giridih News: विवादों में निगम का टोल, गुंडागर्दी के बाद शॉर्ट टाइम टेंडर को लेकर उठा सवाल - नेटविन सॉफ्ट लैब्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी

गिरिडीह नगर निगम का टोल टैक्स वसूली का मामला निरंतर विवाद में रह रहा है. पहले टोल टैक्स वसूली के लिए एजेंसी के चयन पर सवाल उठा. बाद में एजेंसी के कार्य आदेश को रद्द करने पर सवाल उठा. फिर टोल टैक्स वसूली के दौरान गुंडागर्दी का मामला सामने आया. अब टोल टैक्स वसूली के शॉर्ट टेंडर का मामला गरमा गया है.

Giridih Municipal Corporation controversey
Giridih Municipal Corporation controversey

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Published : Jul 5, 2023, 8:15 PM IST

Updated : Jul 5, 2023, 8:24 PM IST

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गिरिडीह: नगर निगम का टोल टैक्स वसूली का विवादों से गहरा नाता बन गया है. पिछले चार-पांच माह से टोल टैक्स का विवाद चल रहा है. इसे लेकर नगर निगम के बोर्ड में भी काफी हो हंगामा हो चुका है. इन चार-पांच माह में पहले वसूली के लिए एजेंसी का चयन करने को लेकर विवाद हुआ. फिर एजेंसी का कार्य आदेश रद्द करने पर विवाद हुआ. इसके बाद जब नगर निगम ने खुद वसूली करना शुरू किया तो गुंडागर्दी का आरोप लगना शुरू हो गया. अब नया विवाद निगम के शॉर्ट टाइम टेंडर को लेकर उठा है.

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दरअसल, निगम ने नेटविन सॉफ्ट लैब्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को टोल टैक्स वसूली का कार्य आदेश दिया था. इस कार्य आदेश को निगम ने 23 जून को रद्द कर दिया. 25 जून से निगम खुद ही टैक्स वसूली करने में जुट गई. इस बीच 28 जून को निगम द्वारा नगर निगम क्षेत्र में प्रवेश करने वाले वाहनों से प्रवेश शुल्क की वसूली के लिए अति अल्पकालीन बंदोबस्ती की सूचना जारी की गई. 8 जुलाई 2023 से 31 मार्च 2024 तक के लिए लगभग 2.72 करोड़ रुपया सुरक्षित राशि रखा गया है.

इस बंदोबस्ती की डाक की तिथि 7 जुलाई निर्धारित की गई है. बस बंदोबस्ती के इसी शॉर्ट टर्म का विरोध शुरू हो गया. बंदोबस्ती के डाक में भाग लेने वालों ने इसकी शिकायत शुरू कर दी. सभी ने मांग रखी कि बंदोबस्ती में भाग लेने के लिए जिन कागजातों की मांग रखी गई है, उसे अल्पावधि में पूर्ण नहीं किया जा सकता. टेंडर में भाग लेने के इच्छुक लोगों का कहना है कि उचित समय मिलने पर ज्यादा से ज्यादा लोग भाग ले सकेंगे. जिससे निगम के प्रवेश शुल्क के राजस्व में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है.

कोर्ट पहुंची एजेंसी: दूसरी तरफ नेटविन सॉफ्ट लैब्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इस टेंडर के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंच गई है. कंपनी के निदेशक नवनीत सहाय का कहना है कि उनकी कंपनी को साजिशन हटाया गया है. उन्होंने कहा कि 17 अप्रैल से 25 जून तक उनकी कंपनी ने लगन से काम किया और 65 लाख तक की वसूली की. समझौते के शर्त के अनुसार प्रतिदिन एक लाख रुपया का औसत संग्रह किया गया और बाद में गलत आरोप लगाकर कार्य आदेश को रद्द कर दिया गया.

क्या कहती हैं नगर निगम की प्रशासक:इन सभी विषय पर नगर निगम की उप नगर आयुक्त स्मृता कुमारी से बात की गई. उन्होंने कहा कि वर्तमान में निगम ही प्रवेश शुल्क की वसूली कर रही है और औसतन एक लाख रुपया प्रति दिन राजस्व की वसूली हो रही है. चूंकि निगम के पास कर्मी नहीं है और राजस्व की क्षति नहीं की जा सकती. इसलिए शॉर्ट टाइम में ही टेंडर करवाया जा रहा है. वहीं दो दिन पहले टोल के कथित कर्मियों द्वारा किए गए गुंडागर्दी के सवाल पर उप नगर आयुक्त ने कहा कि इस विषय पर पुलिस काम कर रही है.

Last Updated : Jul 5, 2023, 8:24 PM IST

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