झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

गिरिडीह मेयर ने सरकार पर लगाया आरोप, कहा- खतरे में है जान फिर भी नहीं मिल रहे बॉडीगार्ड - गिरिडीह के मेयर ने की अंगरक्षक की मांग

गिरिडीह के मेयर सुनील कुमार पासवान ने अपनी जान पर खतरे का हवाला देकर अंगरक्षक की मांग की थी. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसके पीछे मेयर ने साजिश की बात कही है.

giridih mayor accused government of neglect
मेयर सुनील कुमार पासवान

By

Published : Oct 11, 2020, 7:36 AM IST

गिरिडीहः नगर निगम के मेयर सुनील कुमार पासवान ने अपनी जान पर खतरा बताया है. उन्होंने कहा कि उन्हें अंगरक्षक की आवश्यकता है. इसे लेकर उन्होंने झारखंड के डीजीपी को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि उनके पास दो अंगरक्षक थे, लेकिन कोविड का प्रकोप बढ़ा तो उनके अंगरक्षक को वापस बुला लिया गया था. उनके अलावा कई लोगों के अंगरक्षक को वापस बुलाया गया था, लेकिन दूसरे लोगों को अंगरक्षक वापस मिल गए, लेकिन उन्हें अंगरक्षक नहीं दिए गए. इसे लेकर उन्होंने गिरिडीह पुलिस से दो बार गुहार लगाई, लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई.

जानकारी देते मेयर सुनील कुमार पासवान
साजिश का आरोपमेयर ने सीधे तौर पर साजिश का आरोप लगाया है. उन्होंने साफ कहा कि वे दलित हैं और क्या दलित को सुरक्षा लेने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को भी यह बताना चाहिए कि दलित की सुरक्षा को लेकर सरकार की मंशा क्या है. मेयर सुनील का कहना है कि उनके काम में भी व्यवधान डाला जा रहा है. कुछेक विभाग में यदि किसी काम के लिए अधिकारी को कहा जाता है तो उनकी बातों को दरकिनार कर दिया जाता है. मेयर ने कहा कि वे किसी का नाम नहीं लेते हैं, लेकिन कहीं न कहीं कुछ मामला है, जिसके कारण उनकी बातों को सुना नहीं जा रहा है और भेदभाव किया जा रहा है. मेयर से कहा गया कि सरकारी स्तर से आदेश मिलने के बाद ही इस पर कुछ कार्रवाई हो सकती है.

इसे भी पढ़ें-IPL में सट्टा लगाते 6 सट्टेबाज गिरफ्तार, नगद बरामद

आने जाने के क्रम में हमेशा रहता है डर
मेयर ने कहा कि पिछले साल भी उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी. उस वक्त उन्हें दो बॉडीगार्ड मिले थे, लेकिन कोरोना काल में बॉडीगार्ड वापस बुला लिए गए थे. उन्होंने कहा कि अब उन्हें अंगरक्षक की काफी जरूरत है. क्योंकि महापौर के नाते सभी वार्डों में योजनाओं के निरीक्षण हेतु स्थल पर जाना पड़ता है. योजनाओं के निरीक्षण के क्रम में स्थिति असामान्य रहने के कारण भय बना रहता है. शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति सामान्य रूप से चले इसे लेकर तीनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का ससमय निरीक्षण करना पड़ता है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट शहर से काफी दूर स्थित है, जिसके कारण भी हमेशा आने जाने के क्रम में भय बना रहता है. विभागीय कार्य के लिए रांची आना जाना पड़ता है. साथ ही भाजपा के कार्य से लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा भी करना पड़ता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details