गिरिडीहःजिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) अरविंद कुमार इन दिनों सुर्खियों में हैं. सुर्खियां शैक्षणिक कार्यों के लिए विद्यालयों का निरीक्षण करने के साथ साथ स्कूलों में दुकान सजाने के लिए है. जी हां, डीएसई साहब स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचते हैं, तो शैक्षणिक कार्यों की जानकारी लेने के साथ ही एक नामी कंपनी के प्रोडक्ट को सजाकर बेचने लगते है.
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बुधवार को डीएसई साहब सदर अंचल के अग्दोनी कला स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचे थे, लेकिन स्कूल के टेबल पर दुकान सजाकर सामान बेचने लगे. लेकिन, जब ईटीवी का कैमरा खुला तो लगे सामान को समेटने. इतना ही नहीं, ईटीवी भारत के संवाददाता को ही बताने लगे कि पत्रकारिता कैसे की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूल का निरीक्षण करने और शिक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश देने पहुंचे थे. मार्केटिंग-वारकेटिंग नहीं करते हैं. फिर उन्होंने कहा कि मेरे पास जो सामान है, उससे आपको क्या मतलब है?
कैसे की जा रही है मार्केटिंग
बताया जाता है कि पिछले कई माह से यह बात सामने आ रही थी कि डीएसई की ओर से सरकारी विद्यालयों के कुछेक शिक्षकों पर एक मल्टीनेशनल कंपनी का महंगा प्रोडक्ट खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है. जब इसकी पड़ताल की गई, तो पता चला कि सामान डीएसई साहब ही बेच रहे हैं. साहब अपनी सरकारी गाड़ी में ही सामान लेकर विद्यालय पहुंचते हैं. बुधवार को स्कूल से ही इसकी सूचना ईटीवी भारत की टीम को दी गई. इस सूचना पर टीम पहुंची, तो देखा कि डीएसई साहब विद्यालय में बैठे हैं और टेबल पर सामान रख शिक्षकों के साथ मोल भाव कर रहे हैं.