गिरिडीहः राष्ट्रीय जनता दल के चर्चित नेता कैलाश यादव की निर्मम हत्या के मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा की अदालत ने गुरूवार को अपना फैसला सुना दिया. अदालत ने इस मामले में पिता-पुत्र समेत चार को दोषी ठहराया है. अदालत ने मामले में मोतिलेदा ग्राम पंचायत के तत्कालीन निलंबित मुखिया सुखदेव राय, उसके पुत्र राजेश राय व विक्की राय तथा जर्नादन राय को दोषी करार दिया है. अदालत ने इन चारों को भादवि की धारा 147, 148, 149, 342, 325, 302, 34 के तहत दोषी पाया है. जबकि एक अन्य आरोपी बिनोद राय को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
6 जनवरी को सुनाई जाएगी सजाःदोषी ठहराये जाने के बाद जमानत पर चल रहे जर्नादन राय को अदालत ने न्यायिक हिरासत में ले लिया और केंद्रीय कारा गिरिडीह भेज दिया है. वहीं चार अन्य दोषी सुखदेव राय एवं उसके दोनों पुत्र राजेश राय व विक्की राय पूर्व से ही जेल में बंद है. अदालत द्वारा फैसला सुनाये जाने के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये इनकी अदालत में पेशी करायी गयी थी, जबकि जर्नादन राय अदालत में उपस्थित था. इस मामले में अदालत 6 जनवरी 2023 को दोषियों के सजा की बिंदुओं पर सुनवाई करेगी.
26 अगस्त 2020 को हुई थी हत्याः26 अगस्त 2020 को राजद नेता की हत्या हुई थी. साथ ही मोतिलेदा पंचायत के तत्कालीन प्रभारी मुखिया के पिता इंद्रलाल वर्मा भी इस हमले में घायल हुए थे. यह मामला बेंगाबाद थाना कांड संख्या 187/2020 से संबंधित है. मामले की प्राथमिकी छोटेलाल यादव के बयान पर दर्ज हुई थी. कैलाश की हत्या का आरोप मोतिलेदा के तत्कालीन निलंबित मुखिया सुखदेव राय, उसके पुत्र राजेश राय, मुकेश राय व विक्की राय तथा जर्नादन राय एवं छोटु राय समेत अन्य अज्ञात पर लगा था. छह नामजद अभियुक्तों में राजेश, मुकेश व विक्की सुखदेव राय के पुत्र है. कैलाश की हत्या के समय राजेश हत्या के मामले में साज्याफता था और अपील पर जमानत पर छुटा हुआ था. वहीं मुकेश राय भी पूर्व से हत्या समेत कई अपराधिक मामले का आरोपी था. कैलाश की हत्या के बाद पुलिस ने मामले में सुखेदव राय, राजेश राय समेत अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
मुकेश समेत अन्य पर अलग से चल रहा है मामलाःमामले में पांच आरोपियों का अदालत से फैसला आ गया है. वहीं मामले में दोषी सुखदेव के एक और पुत्र मुकेश राय तथा अन्य आरोपियों का प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा की ही अदालत में अलग से मामला चल रहा है. दरअसल इस मामले में मुकेश की गिरफ्तारी में पुलिस को सवा दो साल का लगभग समय लग गया था. पिछले साल 2022 के नवंबर माह में पुलिस ने मुकेश को गिरफ्तार किया था.