गिरिडीह: जिले के बहुचर्चित कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला के उजागर होते ही गिरिडीह के चुंजका में स्थित ब्रह्मडीहा ओपनकास्ट माइंस (केस्ट्रोन माइिनंग) में भी जांच शुरू हुई थी. यहां पर मामले की जांच करने सीबीआई की टीम तीन बार पहुंची थी. वहीं, कोयला के स्टॉक को भी जब्त किया गया था. जांच के लिए ईडी ( परिवर्तन निदेशालय) की टीम भी यहां पहुंच चुकी थी. अब ब्रह्मडीहा ओपनकास्ट माइंस (केस्ट्रोन माइिनंग) के आवंटन के मामले में आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को दोषी पाया गया है.
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गार्डों को नहीं मिला मानदेय
ब्रह्मडीहा ओपनकास्ट माइंस (केस्ट्रोन माइिनंग) गिरिडीह शहर से महज पांच किमी की दूरी पर अवस्थित है. ब्लॉक का आवंटन होने के बाद यहां उत्पादन शुरू हुआ और लगभग 18 हजार टन कोयला का उत्पादन किया गया था. इसके बाद घोटाला कैग की रिपोर्ट आयी, जिसके बाद घोटाले की जांच शुरू हुई. जांच करने गिरिडीह भी सीबीआई की टीम पहुंची और स्टॉक को जब्त किया. वर्ष 2014 में कंपनी ने यहां पर कार्यरत तीन दर्जन निजी सुरक्षा गार्डों के जिम्मा पर कोयला का स्टॉक सौंप दिया और कंपनी के सभी कर्मी और पदाधिकारी चले गए. यहां अभी भी 15-16 निजी गार्ड हैं, जो कोयला और बंद कार्यालय की देखभाल कर रहे हैं. हालांकि, इन गार्डों को अभी तक मानदेय नहीं मिला है.