गिरिडीहः सरकारी स्कूल के बच्चों को जमीन पर न बैठना पड़े इसके लिए बेंच-डेस्क खरीदी की योजना सरकार ने बनायी. गुणवत्ता भी तय की गई, मानक निर्धारित किया गया. जिले के 935 स्कूलों के लिए 18 हजार बेंच-डेस्क खरीदने का निर्णय हुआ. खरीद के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नियम जारी किए. निर्देश दिया गया कि सहायक अभियंता और कनीय अभियंता की गुणवत्ता रिपोर्ट के बाद ही प्रबंधन समिति आपूर्तिकर्ता को भुगतान करेगी. इन नियमों को ताक पर रखा गया. प्रबंधन समिति ने विभाग के साहब के आदेश पर आनन-फानन में खरीदी की. बिचौलिए खुलकर हावी रहे. इस बीच विभाग के साहब का वीडियो-ऑडियो भी वायरल हो गया. यह साफ हो गया कि जिला शिक्षा अधीक्षक विनय कुमार ने ही विद्यालय के सचिव को सीधा आदेश दे रखा था कि उन्हें खरीदी करनी है और जेई- एई के प्रमाण पत्र के बगैर ही भुगतान करना है. मामला बढ़ा तो डीएसई अपने ऑडियो-वीडियो पर सफाई देते नजर आए. कहा कि वे गुणवत्ता टेस्ट कर रहे थे. हालांकि इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित भी किया और जिलाधिकारी ने जांच के लिए एक के बाद एक दो कमेटी गठित कर दी.
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पहली कमिटी ने एक ऑडियो पर किया मुकदमाःपहले अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा की अध्यक्षता में एक टीम गठित हुई. इस टीम ने एक वायरल ऑडियो पर मुकदमा किया. हालांकि अन्य वायरल ऑडियो और वायरल वीडियो को लेकर कमेटी की तरफ से कुछ खास कहा नहीं गया. जबकि इन दोनों ऑडियो और वीडियो को लेकर महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव और बेलाटांड के हेडमास्टर द्वारा पत्र भी लिखा गया.
दूसरी टीम मंगलवार को सौंपेगी पहली रिपोर्टःपहली टीम को 7 अक्टूबर तक विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपनी थी. इस बीच डीसी ने अनुमंडलस्तरीय कमेटी का गठन कर दिया. अब अनुमंडल स्तर की कमेटी मंगलवार को अपनी पहला रिपोर्ट सौंपेगी. इस अनुमंडलस्तर की जांच कमिटी को क्रय किए गए बेंच-डेस्क की संख्या, एमडीएफ बोर्ड की मोटाई, स्कवायर पाइप की साइज, पाइप के गेज, वजन, आपूर्तिकर्ता का नाम पता के साथ अभियुक्ति का उल्लेख करना है. डीसी ने जो दूसरी जांच कमेटी बनायी है, उस कमेटी को मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को जांच रिपोर्ट सौंपनी है.