बगोदर, गिरिडीह: बगोदर वन प्रक्षेत्र के अटका पूर्वी पंचायत अंतर्गत बुढ़ाचांच इलाके के जंगल का यह नजारा आप देख रहे हैं. जंगल की रखवाली के लिए गांव में गठित वन बचाव समिति के प्रयास से जंगल से लकड़ी की कटाई बंद होने से जंगल घने हुए हैं. जंगल से लकड़ियों की कटाई नहीं हो इसके लिए वन बचाव समिति की नजर जंगल पर रहती है. जंगल से लकड़ी की कटाई करते हुए पकड़े जाने पर समिति के द्वारा उन पर कार्रवाई की जाती है. वन बचाव समिति के अध्यक्ष राम स्वरूप सिंह ने बताया कि वे खुद सालों भर जंगल की रखवाली करते हैं, साथ हीं समिति के सदस्यों के द्वारा भी जंगल की रखवाली के लिए पहरा दिया जाता है.
गिरिडीह में वन बचाव समिति की कोशिश लाई रंग, कटाई पर रोक लगने के बाद घना हुआ जंगल - Ban on deforestation in Bagodar
बगोदर प्रखंड क्षेत्र के अटका पूर्वी पंचायत अंतर्गत बुढ़ाचांच वन बचाव समिति का प्रयास रंग लाया है. समिति के द्वारा जंगल की निगरानी किए जाने के बाद लकड़ी की कटाई पर रोक लगने से जंगल घना हो गया है. वन बचाव समिति का आरोप है कि विभाग के अधिकारी वन बचाव में गंभीरता नहीं दिखाते हैं.
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20 साल पूर्व था झाड़- झंखाड़
वन बचाव समिति के अध्यक्ष राम स्वरूप सिंह ने बताया कि 20 साल पूर्व इलाके के जंगल ने झाड़- झंखाड़ का रूप ले लिया था. इसे देखते हुए ग्रामीणों ने बैठक कर जंगल की रखवाली करने का निर्णय लिया और 2003 में उन्हें वन बचाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया, तब से वह लगातार इस पद पर रहते हुए ग्रामीणों के सहयोग से वन बचाव समिति का संचालन करते आ रहे हैं. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि वन बचाव को लेकर वन विभाग के अधिकारी कभी भी इलाके में नहीं पहुंचते हैं. कभी कभार वनरक्षी पहुंचते हैं.