जमुआ, गिरिडीह: भाकपा माओवादियों के रीजनल कमेटी के मेंबर कृष्णा हांसदा और महिला नक्सली रेणुका की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों ने झारखंड बंद का एलान किया है. चौबीस घंटे के इस बंद का असर गिरिडीह और बिहार के जमुई जिले के सीमावर्ती इलाके में देखने को मिला है. बंद का सर्वाधिक असर देवरी थाना क्षेत्र के चतरो में दिखा. यहां पर बाजार में दुकानें बंद रहीं. बंद मद्देनजर चतरो बजरंग मोड़ स्थित वाहन स्टैंड में इक्के दुक्के वाहन ही नजर आए. पेट्रोल पंप, क्रशर आदि के संचालन में भी बंद का प्रभाव दिखा. हालांकि पुलिस की गश्त भी तेज रही.
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चतरो बाजार गिरिडीह के देवरी और बिहार की सीमा पर बसा है. इसी चतरो के बगल में चिलखारी गांव है जहां वर्ष 2007 में नक्सलियों ने नरसंहार किया था. यहां पर नक्सलियों ने आदिवासी कार्यक्रम के दरमियान हमला बोला था. इस दौरान अंधाधुंध फायरिंग की थी इस घटना में सूबे के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के पुत्र समेत 20 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद नक्सलियों के फरमान के आगे यहां के लोग बेबस हो जाते हैं. नक्सली अगर बंद की घोषणा करते हैं तो ज्यादातर लोग घर के अंदर ही रहना पसंद करते हैं. इस बार भी बंद का असर देखने को मिला है.
22 जनवरी रविवार है ऐसे में बैंक बंद है लेकिन अगर दूसरे दिन भी नक्सली बंद की घोषणा करते हैं तो उसका असर बैंक के परिचालन पर भी पड़ता है. दूसरी तरफ भाकपा माओवादी द्वारा घोषित बंद का असर जिले के अन्य स्थानों पर देखने पर नहीं मिला है. पीरटांड प्रखंड कर प्रमुख बाजार चिरकी में भी दुकानें खुली रहीं. सभी मार्ग पर दिन में वाहन का परिचालन होता रहा. हालांकि वाहनों की संख्या अन्य दिनों की भांति कम है.
वहीं, दूसरी तरफ पारसनाथ की तराई वाले इलाके के अलावा बिहार सीमा क्षेत्र ने नक्सलियों की टोह में सर्च अभियान चल रहा है. बिहार की सीमा पर दोनों राज्यों की पुलिस और सीआरपीएफ अभियान में जुटी है.