गिरिडीहः प्रश्न पत्र की छाया प्रति से परीक्षा लेने के मामले की जांच होगी. ईटीवी भारत में खबर प्रकाशित होने के बाद पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री ने संज्ञान लिया (ETV Bharat Impact) है. ईटीवी भारत से बात करते हुए मंत्री ने साफ कहा है कि इस तरह की लचर व्यवस्था को बर्दास्त नहीं किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें- Education in Jharkhand: गिरिडीह के सरकारी स्कूलों में जेरॉक्स क्वेश्चन पेपर से हुई परीक्षा, घंटों परेशान रहे छात्र
प्रश्न पत्र की छाया प्रति से सरकारी स्कूल के बच्चों कि परीक्षा लेने के मामले को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने काफी गंभीरता से लिया है. मंत्री ने इस मामले को उजागर करने के लिए ईटीवी भारत (ETV Bharat) को साधूवाद भी दिया है. साथ ही साथ पूरे प्रकरण की जांच कराते हुए दोषियों पर कार्रवाई का भी भरोसा दिया है. उक्त बातें सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Education Minister Jagarnath Mahto) ने ईटीवी संवाददाता अमरनाथ सिन्हा से बातचीत के क्रम में कही.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि ईटीवी भारत ने पिछले दिनों 'Education in Jharkhand: गिरिडीह के सरकारी स्कूलों में जेरॉक्स क्वेश्चन पेपर से हुई परीक्षा, घंटों परेशान रहे छात्र' शीर्षक से जिस खबर को प्रसारित किया है उस खबर को उन्होंने काफी गंभीरता से देखा है, यह मामला काफी चिंताजनक है. शिक्षकों के व्हाट्सप्प पर प्रश्न पत्र देना, किसी विद्यालय में कम प्रश्न पत्र देना और आखिरकार शिक्षकों द्वारा प्रश्न पत्र की छाया प्रति कराते हुए बच्चों को देना काफी बड़ा मामला है. इस तरह की व्यवस्था चलने नहीं दी जाएगी. पूरे मामले की ना सिर्फ जांच होगी बल्कि कार्यवाई भी निश्चित होगी. उन्होंने इस विषय पर अधिकारियों को निर्देशित भी किया है.
क्या है मामलाः 13 जून को ईटीवी भारत के संवाददाता को यह जानकारी मिली की सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से सात तक के बच्चों की परीक्षा चल रही है. प्रातः 8 बजे से 9:30 तक यह परीक्षा ली जानी हैं लेकिन इस परीक्षा के दौरान लापरवाही देखनी को मिली है. परीक्षा का प्रश्नपत्र ही स्कूल को कम दिया गया. इससे स्कूल प्रबंधन को काफी फजीहत झेलनी पड़ी हैं. प्रधानाध्यापक व शिक्षक को प्रश्नपत्र की कॉपी निकालनी पड़ी और इस चक्कर में काफी समय गुजर रहा है. स्कूल जाकर मामले की पूरी जानकारी ली गई इस बीच महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव भी पहुंचे और उन्होंने भी इस शिकायत को सत्य पाया. इस मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रसारित किया.