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Emergency Gate खोलना नहीं जानते स्कूल बस के ड्राइवर, ये बच्चों के साथ खिलवाड़ नहीं तो क्या है!

हमारे और आपके बच्चे जिन स्कूल बसों में सफर करते हैं, उनमें कई त्रुटियां रह सकती हैं. ऐसी ही त्रुटि गिरिडीह के नामी स्कूल के बस में नजर आई. यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग कह रहे हैं कि इन त्रुटियों को सुधारने के प्रति कभी प्रबंधन ने ध्यान क्यों नहीं दिया. School buses in dilapidated condition in Giridih.

District Transport Officer inspected school buses
District Transport Officer inspected school buses

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 7, 2023, 12:29 PM IST

Updated : Oct 7, 2023, 8:05 PM IST

स्कूल बस का जायजा लेते ईटीवी भारत संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

गिरिडीहः एक छोटी सी लापरवाही से किसी की भी जान पर बन आती है. ऐसी लापरवाही परिवहन के लिए उपयोग में लाई जा रही स्कूल बसों में कुछ ज्यादा ही भारी पड़ सकती है. इसे लेकर परिवहन नियम को सख्त बनाया गया है. इस सख्ती के बावजूद स्कूली बसों के संचालन में घोर लापरवाही बरती जा रही है.

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सरकारी नियमों का स्कूल प्रबंधन पर कुछ ज्यादा असर होता दिखाई नहीं पड़ता है. इन स्कूल के बसों में क्षमता से काफी अधिक बच्चों को लादा जा रहा है. बसों पर ऐसे चालक को बैठाया जा रहा है, जिन्हें पता ही नहीं कि इमरजेंसी गेट को खोलना कैसे है. इन्हें इतनी भी नहीं पता कि बस में रखे फायर सेफ्टी उपकरण का उपयोग कैसे किया जाना है. भगवान न करे कि कोई हादसा हो गया तो नन्हें बच्चों को सुरक्षित कौन घर पहुंचाएगा.

शुक्रवार को जब डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और जिले के एसपी दीपक शर्मा के निर्देश पर जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी ने बद्री नारायण शाहा डीएवी स्कूल (BNS DAV) की बसों को जांचा तो इस तरह की गड़बड़ी सामने आयीं. जिस स्कूल के बसों की जांच हुई है, वह जिला के नामी स्कूलों में से एक है. कई अधिकारी, नेता और प्रतिष्ठित लोगों के बच्चे भी यहीं पर पढ़ते हैं. कहा जाए तो शिक्षित और जानकार लोगों के बच्चे यहां पढ़ रहे हैं और बस से आते-जाते हैं. यहां के शिक्षक भी अच्छे माने जाते हैं, अगर ऐसे स्कूल के बस में इस तरह की लापरवाही बरती जाए तो यह मामला काफी गंभीर है.

ड्राइवर ने कहा- जानते ही नहीं, कभी ट्रायल नहीं कियाः शुक्रवार को ईटीवी भारत की टीम ने यहां के स्कूल बसों का जायजा लिया. ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान इन बसों के हालात की पोल खुल गयी और इन बसों को चलाने वाले लोगों की बातों से सारी सच्चाई सामने आ गयी. ईटीवी भारत संवाददाता ने बस चालकों से बात कि तो एक चालक ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं कि आपातकालीन गेट को खोलना कैसे है. यहां एक अन्य ड्राइवर ने बताया कि इमरजेंसी गेट खोलने का ट्रायल किया ही नहीं गया.

बहरहाल इमरजेंसी गेट को खोलना नहीं आना, एक बस में बीमा नहीं रहना, आग से जुड़े उपकरण को चलाने की जानकारी नहीं रहना, ये कोई छोटी बात नहीं है. ऐसी लापरवाही हादसे के समय काफी भारी पड़ सकती है. ऐसे में प्रशासन को इस तरफ सख्त होना होगा. इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन को भी चाहिए कि वो ऐसी त्रुटियों को सुधारने की शीघ्र पहल करे.

Last Updated : Oct 7, 2023, 8:05 PM IST

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