गिरिडीहःजिले के शहरी इलाके में तालाबों पर भू-माफियाओं की नजर बनी रही है. शहरी इलाके के कई तालाबों को भरने का काम पहले हो चुका है. जिस पर बड़ी-बड़ी इमारत भी बन चुकी है. अब जो तालाब बचा है उसे बचाने की मुहिम गिरिडीह जिला प्रशासन ने शुरू की है. इसी के तहत शहर के बरमसिया मौजा अंतर्गत अरगाघाट में स्थित एक तालाब की सफाई शुरू की गई.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर तालाब भरने की थी तैयारी, जिला प्रशासन ने की कार्रवाई - गिरिडीह में तालाब भरने वालों पर कार्रवाई
लुप्त होते तालाबों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है. इसके बावजूद कुछ लोग तालाबों को भरकर उसपर इमारत खड़ी करने की तैयारी करते रहे हैं. ऐसे ही एक मामले की जानकारी होने पर गिरिडीह जिला प्रशासन कार्रवाई करते हुए तालाब की सफाई करवा रहा है.
तालाब को भरने की कोशिश
सदर अंचलाधिकारी रविंद्र कुमार सिन्हा और नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी की मौजूदगी में यह कार्य चल रहा है. अंचलाधिकारी रविंद्र ने बताया कि शहरी इलाके में दो तालाबों को चिंहित किया गया है. इनमें से पांडेयडीह तालाब पर सूचनार्थ बोर्ड भी लगा दिया गया है. वहीं अरगाघाट में छठ घाट के नजदीक अवस्थित तालाब को भरने की कोशिश की जा रही थी.
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तालाब के मालिक से वसूला जाएगा खर्च
सीओ ने बताया कि जिस तालाब की सफाई शुरू की गई है वह निजी है, लेकिन तालाब के नेचर को बदला नहीं जा सकता. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी गाइडलाइन पूर्व में जारी कर दी है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए तालाब भरने से न सिर्फ रोका गया है, बल्कि तालाब की सफाई भी कराई जा रही है. तालाब साफ करने में जो भी खर्च आएगा उसकी भरपाई तालाब के मालिक को करना होगा.