गिरिडीह: मौसम की बेरुखी के कारण बगोदर प्रखंड क्षेत्र में धनरोपनी का कार्य ठप है. बारिश के अभाव में धान के बिचड़े खेतों में दम तोड़ने लगे हैं. मकई, अरहर आदि की फसलें मुरझा रहे हैं. ऐसी स्थिति में जिले को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग की जाने लगी है. इसके लिए धरना- प्रदर्शन का दौर भी शुरु हो गया है.
गिरिडीह को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग, बगोदर बचाओ संघर्ष समिति ने दिया धरना - giridih news
गिरिडीह में मौसम की बेरुखी के किसान परेशान हैं. बगोदर प्रखंड क्षेत्र में धनरोपनी का काम पूरी तरह से ठप है. दूसरी फसलें भी सूखने की कगार पर हैं. ऐसे में जिले को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग होने लगी है.
![गिरिडीह को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग, बगोदर बचाओ संघर्ष समिति ने दिया धरना Demand for declaration of Giridih as dry area](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-15860808-1021-15860808-1658162850627.jpg)
बगोदर बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा सोमवार को बगोदर में धरना दिया गया. इसके माध्यम से चार सूत्री मांग की गई. जिसमें गिरिडीह जिला को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने,
सरकारी कल्याणकारी योजनाओं मसलन वृद्धा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दिव्यांगता पेंशन के लिए ग्राम सभा का आदेश पारित करने, पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार क्षेत्र को प्रशासनिक अतिक्रमण से मुक्त करने और लोक सभा न विधान सभा सबसे बड़ी ग्राम सभा के मूल उद्देश्यों को अक्षरशः लागू करने की मांग शामिल है.
धरना दे रहे लोगों ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन का रुख अख्तियार किया जाएगा. कहा गया कि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लिए लाभुकों की सूची तैयार करने की जिम्मेवारी बीएलओ को दी गई. सूची तैयार करने के नाम पर उनके द्वारा लाभुकों से अवैध वसूली की जा रही है. इस मामले में पंचायत प्रतिनिधि भी खामोश हैं. बैठक में मांगों को लेकर नारेबाजी भी की गई. इधर बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता ने धरना स्थल पहुंचकर उनकी बातों को सुना और इसके लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया.