गिरिडीह: दुर्गा पूजा को लेकर उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें कानून व्यवस्था को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया. उपायुक्त ने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से अनलॉक 5.0 से संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है, जिसके तहत राज्य के कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी धार्मिक स्थल खोले दिए गए हैं, साथ ही गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के ओर से दुर्गा पूजा को लेकर आवश्यक गाइडलाइन जारी कर दी है.
बैठक के दौरान अधिकारियों को दुर्गा पूजा के अवसर पर विशेष साफ सफाई, सेनेटाइजेशन और सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल के अलावा अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के साथ-साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया. उपायुक्त ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और सभी थाना प्रभारी को निर्देशित किया कि कोविड-19 से बचाव और रोकथाम से संबंधित प्रोटोकॉल पर सभी मंदिर प्रबंधकों, संचालकों के साथ सुनियोजित ढंग से विचार विमर्श कर सुनिश्चित करें, ताकि आमजनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
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यह आदेश दिए
- दुर्गा पूजा का आयोजन मंदिर, घरों के अलावा छोटे स्तर पर तैयार किए गए पंडालों में किया जा सकता है, जहां किसी तरह का कोई भीड़ नहीं होगी, सिर्फ पूजा होगी.
- पंडालों को ऐसा बनाया जाना है, जिसमें बाहर से कोई मूर्ति न दिख सके और न ही भीड़ लग सके.
- किसी तरह की लाइटिंग पूजा पंडाल या आसपास के इलाके में करने पर पाबंदी रहेगी.
- किसी तरह के थीम पर कोई पंडाल या मंडप नहीं बनेगा.
- किसी तरह का तोरण द्वार या स्वागत गेट किसी भी आयोजन के दौरान नहीं बनाया जाएगा. पंडाल में जहां मूर्ति रहेगी, वहीं ढंका हुआ रहेगा, नहीं तो सारा एरिया खुला हुआ रखने को कहा गया है.
- मूर्ति की साइज सिर्फ 4 फीट की ही होनी चाहिए.
- किसी तरह का कोई पब्लिक एड्रेस सिस्टम, लाउडस्पीकर सिस्टम नहीं रहेगा.
- किसी तरह का मेला नहीं लगेगा.
- किसी तरह का फूड स्टॉल नहीं लगेगा.
- दुर्गा पूजा के पंडाल में एक समय में पुजारी और आयोजक को मिलाकर सिर्फ 7 लोग ही रह सकते हैं.
- किसी तरह का विसर्जन जुलूस नहीं निकलेगा, सिर्फ प्रशासन जहां तय करेगा, वहां सादगी से जाकर विसर्जन किया जाना है.
सांस्कृतिक कार्यक्रम का नहीं होगा आयोजन
- किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा.
- किसी तरह का कोई प्रसाद, भोग वितरण या भोज कराने की इजाजत नहीं होगी.
- किसी तरह का कोई आमंत्रण पत्र भी नहीं बांटना है.
- किसी तरह का पंडाल या मूर्ति का उदघाटन कार्यक्रम नहीं होगा.
- किसी तरह का गरबा या डांडिया का कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा.
- रावण का पुतला दहन को लेकर किसी तरह का कोई बड़ा आयोजन करने पर रोक रहेगी.
- सारे आयोजन के दौरान जो आयोजक और पुजारी मास्क पहने होने चाहिए.
- आपस में 6 फीट का पब्लिक डिस्टेंस अनिवार्य रूप से लागू रहेगा.
- जो लोग पूजा पंडाल या मंडप में होंगे, वे लोग सफाई का ख्याल रखेंगे और कोविड-19 के सारे प्रोटोकॉल का पालन करेंगे.
नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई
- पूजा के आयोजित स्थानीय प्रशासन के आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य होंगे.
- अगर किसी ने इस तरह के नियम का उल्लंघन किया तो उनके खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
- धार्मिक स्थल, पूजा स्थल में संपूर्ण समय में फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
- पुजारी या पादरी आदि के द्वारा मंत्र, भजन, प्रार्थना के दौरान फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
- सार्वजनिक आसन का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा.
- भक्त द्वारा अपने साथ आसन लाया जाएगा और पूजा, प्रार्थना के समय वे उसे वापस साथ ले जाएंगे.
- भक्तों के बीच भक्तों और पुजारी, पादरी आदि के बीच शारीरिक स्पर्श नहीं हो इसका खास ध्यान रखा जाएगा.
हैंड सेनेटाइजर की व्यवस्था करनी होगी
- प्रवेश द्वार पर हैंड सेनेटाइजर और फॉर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था अनिवार्य होगी.
- सिर्फ बिना लक्षण वाले व्यक्तियों को ही मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति होगी.
- धार्मिक स्थल और पूजा स्थल के परिसर को प्रतिदिन नियमित अंतराल पर सेनेटाइज किया जाएगा.
- मंदिर परिसर में आने वाले प्रत्येक व्यक्तियों को मास्क और सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा.
- मंदिर में भगवान के मूर्तियों और घंटों को छूना प्रतिबंधित रहेगा.
बैठक के दौरान उपायुक्त ने सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि दुर्गा पूजा को लेकर विधि व्यवस्था संधारण के लिए अपने-अपने अनुमंडल क्षेत्र में गृह मंत्रालय के ओर से जारी दिशानिर्देश का अक्षरशः अनुपालन करेंगे. इस दौरान एसपी अमित रेणू ने भी आवश्यक निर्देश दिए.