गिरिडीहःजमुआ के खरगडीहा में लंगेश्वरी बाबा (लंगटा बाबा) समाधि (Langeshwari Baba Samadhi) स्थल पर माथा टेकने और चादरपोशी करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. शुक्रवार की अहले सुबह नियमानुसार पहली चादर जमुआ थाना प्रभारी पप्पू कुमार ने चढ़ाई. इसके बाद भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया.
पौष पूर्णिमा: लंगेश्वरी बाबा समाधि पर उमड़ी भीड़, कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु - Giridih news
गिरिडीह में लंगेश्वरी बाबा (Langeshwari Baba Samadhi) (लंगटा बाबा) समाधि पर्व पौष पूर्णिमा को मनाया जाता है. समाधि पर्व के दिन चादर चढ़ाने हिन्दू के साथ साथ मुस्लिम और अन्य धर्म के लोग भी पहुंचते हैं. लोग अहले सुबह से समाधि स्थल पहुंचने लगे हैं, जिससे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हैं.
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बाबा के समाधि स्थल पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने माथा टेका और मन्नतें मांगी. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखकर प्रशासन की ओर से सुरक्षा का पुख्ता व्यवस्था की गई है. खोरी महुआ एसडीएम धीरेंद्र कुमार सिंह और एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो की देखरेख में पदाधिकारियों और पुलिस बलों की तैनाती की गई. बीडीओ अशोक कुमार और सीओ द्वारिका बैठा के साथ पुलिस के अधिकारी भी डटे हुए हैं. इन अधिकारियों की ओर से भी चादर चढ़ाया गया.
बताया जाता है अंग्रेजी हुकूमत के समय ही साधु-संतों के साथ देवघर जा रहे लंगेश्वरी बाबा खरगडीहा स्थित उस वक्त के थाना परिसर में रुके थे. इसी थाना परिसर को उन्होंने अपना आशियाना बनाया था. तत्कालीन थानेदार वहाबुद्दीन ने लंगेश्वरी बाबा को थाना छोड़कर जाने को कहा था, जिसपर बाबा ने यह कहा था कि तू ही चला जायेगा. कहा जाता है कि इस कथन के बाद खरगडीहा से उठकर थाना जमुआ आ गया. इसी थाना परिसर में पौष पूर्णिमा के दिन साल 1910 को बाबा ब्रह्मलीन हो गए थे और यहां बाबा की समाधि बनाई गई थी.
बताया जाता है कि बाबा के अंदर चमत्कारी गुण थे. मनुष्य के अलावा पशुओं और पक्षियों से उन्हें काफी प्रेम था. उनके पास आनेवाले लोग दुखों से मुक्त हो जाते थे. रोगों को भी हरने की शक्ति उनके अंदर थी. यही वजह है कि यहां पर प्रतिदिन हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई भी पहुंचते हैं और माथा टेकते हैं. पौष पूर्णिमा के दिन यहां पर भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ता है. देश के विभिन्न राज्यों से भक्त यहां पहुंचते हैं. इस बार भी काफी भीड़ उमड़ी है. भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी मुस्तैद हैं.