गिरिडीह: जिला के नगर निगम क्षेत्र में सड़क निर्माण के दौरान हुई गड़बड़ी को लेकर भाकपा (माले) की टीम ने सड़क का मुआयना किया. इस दौरान टीम ने गड़बड़ी में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग की. सड़क निर्माण में गड़बड़ी का मामला सबसे पहले ईटीवी भारत ने ही उठाया था.
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मुआयना करने पहुंची टीम
गिरिडीह नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 2 स्थित बिशनपुर-इनायत नगर सड़क के बनने के चंद महीने बाद ही टूटने लगा. इस गड़बड़ी को लेकर भाकपा (माले) की एक टीम ने सड़क का मुआयना किया. टीम में शामिल पार्टी नेता राजेश यादव और राजेश सिन्हा ने कुछ स्थानीय लोगों से भी बात की. लोगों ने इस दौरान सड़क निर्माण कार्य बेहतर तरीके से कराने की मांग की.
जल्दबाजी में सड़क निर्माण
भाकपा माले की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां मौजूद संवेदक ने बताया कि विभाग की ओर से सड़क निर्माण का कार्य जल्दबाजी में पूरा करने का दबाव था. जिस कारण सड़क की बुनियाद में डाली गई नई मिट्टी को ठीक से दबने का मौका नहीं मिला और हड़बड़ी में हुए निर्माण के कारण कई जगह मिट्टी दबने से सड़क टूट गई.
क्या बोले नेता
माले नेताओं ने वस्तुस्थिति का जायजा लेने के बाद कहा कि नगर निगम क्षेत्र में विकास के नाम पर घोर अनियमितता बढ़ती जा रही है. इससे जनता के पैसे की सीधी बर्बादी हो रही है. लेकिन इस बर्बादी की जवाबदेही तय होने के बजाय एक-दूसरे पर दोषारोपण किया जा रहा है. कहा कि सड़क निर्माण में एक तरफ जहां प्राक्कलन बनाने में जमीनी हकीकत का ख्याल नहीं रखा गया, वहीं काम फाइनल करने के चक्कर में हड़बड़ी में सड़क बना दी गई. इस कारण सड़क टूटने से हुई संसाधन की बर्बादी की जिम्मेदारी सीधे तौर पर नगर निगम प्रशासन और संबंधित अभियंताओं की है.
कई जगह सड़क निर्माण में गड़बडी
माले ने सड़क निर्माण में हुई अनियमितता, सड़क निर्माण के मानकों के उल्लंघन और इस कारण हुई संसाधन की बर्बादी की ढंग से जांच कर इसकी जवाबदेही तय करने की मांग की है. नेताओं ने कहा कि विकास के नाम पर नगर निगम क्षेत्र में इस तरह की अनियमितता चलने नहीं दी जाएगी. इसी तरह का मामला सिहोडीह और अंबाटांड़ में भी देखने को मिला है. सिहोडीह में बिना आबादी वाले क्षेत्र में सड़क बना दी गई तो वहीं अंबाटांड़ क्षेत्र में भी सड़क निर्माण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.
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ईटीवी भारत ने उठाया था मुद्दा
नेताओं ने ये भी कहा कि अगर हाल यही रहा तो शहरी और आसपास के क्षेत्र में 500 करोड़ के विकास के जो सपने दिखाए जा रहे हैं, वो भी लूट की योजनाओं में तब्दील हो जाएंगी और जनता को अपेक्षित विकास मिल ही नहीं पाएगा. सड़क के बनने के चंद महीने बाद ही टूटने की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रसारित किया था. जिसके बाद नगर निगम के पदाधिकारी हरकत में आए और मरम्मती का काम शुरू किया था.