गिरिडीह: जिले में 16 जनवरी को महेंद्र सिंह का शहादत दिवस है. भाकपा माले ने इस बार महेंद्र सिंह के शहादत दिवस पर कृषि कानूनों के खिलाफ जन अभियान चलाते हुए मानव श्रृंखला का आयोजन करने का निर्णय लिया था. इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए बगोदर से पार्टी विधायक विनोद सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार यादव समेत बिहार से नव निर्वाचित भाकपा माले के 8 विधायक भी मोर्चा संभाले हुए हैं.
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कृषि कानून को बताया काला कानून
परिषदन भवन में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक विनोद सिंह ने कहा कि कोरोना काल ने साबित किया कि देश का सरकारी सिस्टम और कृषि ही आम जनता को संकट से उबारने का मजबूत साधन है. लेकिन मोदी सरकार यह सब कुछ पूंजीपतियों के हवाले कर देना चाहती है. कोरोना के सबसे गंभीर दौर में मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर अंबानी अडानी को फायदा पहुंचाने की नीयत से कृषि कानून को पास कर दिया और अब जबकि कोरोना ढलान पर है और कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन उफान पर है, तो केंद्र सरकार कोरोना का ही बहाना बनाकर संसद सत्र स्थगित कर रही है. उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह जन राजनीति और तत्कालिक जन सवालों पर राजनीति के प्रतीक रहे हैं, इसलिए इस बार महेंद्र सिंह के शहादत दिवस को किसान आंदोलन से जोड़कर मनाने का लक्ष्य लिया गया. कहा कि करीब 150 किमी दूरी तक मानव श्रृंखला बनाई जाएगी.
बिहार में आयोजित की जाएगी मानव श्रृंखला
वहीं, भाकपा माले के विधायक रामबली सिंह यादव ने प्रेस वार्ता में कहा कि महेंद्र सिंह का शहादत दिवस हमेशा से ऐतिहासिक रहा है, क्योंकि महेंद्र सिंह अविभाजित बिहार के सर्वमान्य नेता थे. खेत-खलिहानों में उनके संघर्ष की यादें आज भी ताजा हैं. केंद्र सरकार ने किसान कानूनों के मामले में सुप्रीम कोर्ट को भी बरगलाने का काम किया है. कोर्ट की बनाई गई 4 सदस्यीय समिति के एक सदस्य ने इस्तीफा भी दे दिया है. मोदी सरकार ने असंवैधानिक तरीके से लाए गए इस कानून को किसान कभी भी नहीं मानेंगे. सरकार को कानून वापस लेने होंगे. पूरा झारखंड और बिहार किसान आंदोलन के पक्ष में खड़ा है. बिहार में इसी सवाल पर 5 जनवरी से अनिश्चितकालीन जिला स्तर पर धरना तथा 30 जनवरी महात्मा गांधी शहीद दिवस पर पूरे बिहार में मानव श्रृंखला आयोजित की जाएगी.