गिरिडीह: कोरोना काल का असर दो दिलों के मिलन पर भी पड़ रहा है. कोरोना काल के कारण युगल जोड़े एक दूजे के नहीं हो पा रहे हैं. इस बात की पुष्टि बगोदर के प्रसिद्ध शिव मंदिर हरिहर धाम में दर्ज आंकड़े कर रहे हैं. पिछले साल जहां साढ़े तेरह सौ युगल जोड़ों ने भगवान शिव को साक्षी मानकर यहां शादी रचाई थी. वहीं, इस साल अब तक महज 60 से 70 जोड़े ही परिणय सूत्र में बंधे हैं.
शादी-विवाह पर भी पड़ा कोरोना का प्रभाव, पिछले साल की तुलना में काफी कम हुई इस साल शादियां
लगन का समय आते ही लोग शादी-विवाह की तैयारी में जुट जाते हैं, लेकिन कोरोना को लेकर इस साल शादी पर ग्रहण सा लग गया. इस बात की पुष्टि बगोदर के प्रसिद्ध शिव मंदिर हरिहर धाम में दर्ज आंकड़े बता रहे हैं. इस मंदिर में पिछले साल साढ़े तेरह सौ युगल ने शादी रचाई थी, लेकिन इस साल अब तक महज 60 से 70 जोड़े ही परिणय सूत्र में बंधे हैं.
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बगोदर के प्रसिद्ध शिव मंदिर हरिहर धाम में पिछले साल की तुलना में बहुत कम ही शादियां हुई है. कोरोना काल के कारण हुए लॉकडाउन के कारण 7 महीने तक मंदिर बंद रहने से विवाह मुहूर्तों में भी यहां वीरानी छाई रही. 8 अक्टूबर को जब मंदिर खोले जाने का सरकारी आदेश जारी हुआ तो यहां वैवाहिक मुहूर्तो में शादी विवाह का सिलसिला शुरू हुआ है. इस साल अब तक मात्र 60 से 70 जोड़े हीं परिणय सूत्र में बंधे हैं, जबकि एक दिन में यहां सौ से भी अधिक युगल जोड़ों का परिणय सूत्र में बंधने का रिकॉर्ड है. पिछले साल का साढ़े तेरह सौ युगल जोड़े का यहां परिणय सूत्र में बंधने का रिकॉर्ड है.