गिरिडीहः महिलाओं को मोहरा बनाकर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाया. लेकिन पुलिस ने पूरे मामले से ना सिर्फ पर्दा उठाया बल्कि इस मामले में दो लोगों को जेल भी भेजा है. अगर कहा जाए तो पुलिस की सजगता से एक निर्दोष व्यक्ति गंभीर फंसने से बच गया.
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गिरिडीह की पुलिस ने एक फर्जी दुष्कर्म के मामले का पर्दाफाश (conspiracy reveal to implicate innocent) किया है. इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत दो लोगों को जेल भी भेजा है. पुलिस के खुलासे में यह बात सामने आयी है कि पुरानी रंजिश के कारण साजिश के तहत दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाया गया था. शनिवार की सुबह गिरिडीह व बिहार के बॉर्डर पर बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बदवारा में दो माहिला अचेतावस्था में मिली थीं. महिला का वस्त्र अस्तव्यस्त था और यह कहा जा रहा था कि दोनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है. पहली दफा यह बात महिला बोल रही थी. जिसके पुलिस ने मामले में जांच शुरू की.
ऐसे हुआ खुलासाः घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला के एसपी अमित रेणू ने एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह को हर बिंदू पर जांच करने को कहा. एसडीपीओ अनिल, इंस्पेक्टर कमलेश पासवान, मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय कुमार राम, बेंगाबाद थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने जांच शुरू की. जांच में मामला संदेहास्पद लगा तो पुलिस ने सबसे पहले घटनास्थल पर मिले पर्स एवं फोटो के सहयोग से धनवार थाना क्षेत्र के रहने वाले अजमुल अंसारी तक पहुंची. अजमुल से पूछताछ हुई तो उसने घटना में शामिल होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया. उसने बताया कि उसे फंसाया जा रहा है, उसने यह भी कहा कि घोड़थम्बा ओपी क्षेत्र के बलहारा निवासी रहमान मियां उससे रंजिश रखता है और हो सकता है कि रहमान ही साजिश रचा हो.
पूछताछ में टूट गई महिलाः इसके बाद पुलिस ने दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली माहिला सुनैना देवी व यशोदा देवी से पूछताछ शुरू की. पूछताछ में सुनैना टूट गई और उसने साजिश की सारी कहानी बता डाली. इसके बाद पुलिस ने रहमान को गिरफ्तार किया.
आरटीआई एक्टिविस्ट है मास्टरमाइंडः रहमान ने पुलिस को बताया कि इस साजिश का मुख्य साजिशकर्ता आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश मिश्रा है. राकेश भी धनवार का रहनेवाला है. रहमान ने पुलिस को बताया कि उसके बेटे की शादी हुई थी बाद में प्रताड़ना का मुकदमा लड़की के तरफ से कर दिया गया. इस मुकदमा को करवाने में अजमुल का हाथ था. इसी बाद से वह अजुमल से नाराज था और उसे फंसाना चाहता था. उसने सारी बात राकेश मिश्रा को बतायी थी.
राकेश मिश्रा कहने पर रहमान अंसारी ने गांवा थाना क्षेत्र के पटना की रहने वाली महिला सुनैना देवी और बिरनी की रहने वाली यशोदा देवी को इलाज के बहाने देवघर स्थित एम्स पहुंचाया था. जहां से शाम को दोनों महिलाएं सुनैना देवी के मायका चकाई थाना क्षेत्र के एक गांव गई. रात को वहां फिर से राकेश मिश्रा और रहमान अंसारी पहुंचे. यहीं से रहमान अंसारी ने शनिवार के चार बजे सुबह दोनों महिलाओं को बाइक पर बैठाकर बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बदवारा के समीप नदी किनारे पहुंचा दिया और खुद लौट गया. यहां आरोपी महिला सुनैना देवी ने प्लान के मुताबिक सारे घटना को अंजाम दिया और गैंगरेप की झूठी अफवाह फैला कर घटनास्थल पर अजमुल अंसारी का फोटो एवं नाम लिखकर पर्स को जानबूझकर छोड़ दिया ताकि अजमुल को दुष्कर्म के मामले में फंसाया (alleging rape over dispute) जा सके. अजमुल के परिजनों का कहना है कि रहमान अंसारी के साथ अजमुल का विवाद हुआ था.
यशोदा के बयान पर दर्ज हुआ मुकदमाः दूसरी तरफ यशोदा देवी ने बताया कि राकेश मिश्रा व सुनैना देवी ने उसे झांसे में लेकर दुष्कर्म की झूठी कहानी तैयार की थी. यशोदा ने बताया कि उसकी शादी सरिया में हुई थी. पति से विवाद के कारण लगभग छह माह से वह अपने मायके में रह रही थी. राकेश मिश्रा ने उसे न्याय दिलाने के नाम पर सुनैना देवी के साथ मिलकर झांसे में लिया था. झांसे में आकर वह इस कांड का हिस्सा बन गई. हालांकि उसे इस साजिश के बारे में जानकारी नहीं दी गयी थी. यशोदा देवी का कहना है कि उसे झूठ बोलकर लाया गया था. इधर पुलिस ने बताया कि यशोदा देवी के बयान पर मुकदमा दर्ज किया गया है. यह भी बताया कि मुख्य साजिशकर्ता राकेश की खोज की जा रही है.