गिरिडीह:डबरी गांव में संचालित जागृति सामुदायिक रेडियो धीरे-धीरे लोगों की आवाज बन रहा है. यहां पर काम कर रहे लोग ग्रामीणों को महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं. हालांकि इस रेडियो का संचालन कर रही संस्था आर्थिक संकट से गुजर रही है.
ये भी पढ़ें-ETV BHARAT IMPCAT: खबर प्रकाशित होने के 24 घंटे के अंदर गांव में लगा नया ट्रांसफार्मर, लोगों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद बिरनी प्रखंड के आदर्श ग्राम डबरी में संचालित सामुदायिक रेडियो जागृति 90.4 एफएम लोगों को हर उन महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया करा रहा है, जिसकी दरकार अमूमन लोगों को पड़ती है. कोरोना महामारी से जुड़ी जानकारी हो या कृषि, स्वास्थ्य से सम्बंधित सूचनाएं हो या फिर विकास कार्यों की जानकारी. हर रोज नई-नई जानकारियां इस रेडियो के माध्यम से लोगों को दी जा रही हैं. इतना ही नहीं यह सामुदायिक रेडियो इस क्षेत्र के लोगों की आवाज बन चुका है.
पांच वर्षों से है संचालित
इस सामुदायिक रेडियो का संचालन पिछले 5 साल से हो रहा है. साल 2015 में नव जागृति युवा मंडल डबरी की ओर से इस रेडियो का संचालन शुरू किया गया. इस रेडियो के संस्थापक राजेश प्रसाद वर्मा बताते हैं कि यह इलाका काफी पिछड़ा रहा है. साल 2010 में वे जब बीबीसी लंदन सुन रहे थे, तो उन्हें पता चला कि सामुदायिक रेडियो क्या होता है.
उसके बाद से उन्होंने प्रयास शुरू किया और बाद में मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग ने सर्वे कराया. काफी मशक्कत के बाद रेडियो चलाने का लाइसेंस 2014 में मिला. पूंजी न रहने के कारण 2016 से इसका संचालन शुरू किया गया. शुरुआत में कृषि विभाग से फंड मिला, तब स्टूडियो बनाया जा सका.
15 घंटे तक होता है प्रसारण
राजेश ने बताया कि वर्तमान में सुबह 6 से रात 9 बजे तक रेडियो का प्रसारण किया जाता है. इस रेडियो का संचालन समुदाय के लोगों की ओर से ही समुदाय के लिए किया जा रहा है. लोग इस रेडियो को मोबाइल के साथ ही ऑनलाइन भी सुन सकते हैं.
किसानों को मिल रही है सहायता
सामुदायिक रेडियो आज के समय में किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इसके माध्यम से किसानों को कृषि से जुड़ी नई नई जानकारियों के साथ-साथ कृषि से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक सुझाव भी मिल रहे हैं. रेडियो के माध्यम से मनोरंजन के लिए क्षेत्रीय भाषा में गीत-संगीत, रोचक और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम तैयार कर समुदाय के लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. संस्थापक राजेश व रेडियो स्टेशन इंचार्ज निरंजन कुमार कहते हैं कि रेडियो के माध्यम से उन्नत कृषि को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य व शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना, ससमय स्कॉलरशिप के बारे में बताना, दहेज प्रथा, अंधविश्वास के प्रति जागरूक करना, खेलकूद के प्रति उत्प्रेरित करना व सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है.
आर्थिक समस्या बन रही है रोड़ा
उन्होंने बताया कि सामुदायिक रेडियो जागृति 90.4 एफएम 40 से 45 किलोमीटर के रेडियस में प्रसारित किया जाता है. साथ ही ऑनलाइन कहीं भी सुन सकते हैं. वर्तमान में इस रेडियो स्टेशन में कुल 8 से 10 लोग काम कर रहे हैं और स्टेशन को आगे ले जाने के लिए प्रयासरत हैं. हालांकि इन प्रयासों में आर्थिक समस्या रोड़ा बन गयी है. रेडियो से जुड़े लोगों का कहना है सरकार की ओर से जागरूकता कार्यक्रम के लिए जो फंड दिया जाता है वो नाकाफी है.
राष्ट्रीय स्तर के 5 प्रोग्राम ऑन एयर
आरयू का रेडियो खांची सामुदायिक रेडियो लगातार बेहतर काम कर रहा है. यहां से अब तक राष्ट्रीय स्तर के 5 प्रोग्राम बनाकर उसे ऑन एयर भी किया जा चुका है. 8 महीने पहले लॉकडाउन लगने के साथ ही इस कम्युनिटी रेडियो का उद्घाटन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन किया था और तब से लेकर आज तक निरंतर विश्वविद्यालय का यह कम्युनिटी रेडियो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ कई सामाजिक कार्यों में भी अपनी भूमिका निभा रहा है.