गिरिडीह:पचम्बा थाना इलाके के कमरसाली गांव में सीसीएल की जमीन पर दावेदारी को लेकर दो पक्ष भिड़ गए. बात इतनी बढ़ गई कि नौबत खूनी संघर्ष तक पहुंच गई. मामले की सूचना डीसी राहुल कुमार सिन्हा और एसपी अमित रेणू को मिली तो पुलिस को अलर्ट किया गया. इसके बाद सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, पचम्बा इंस्पेक्टर अनिल कुमार, मुफस्सिल थाना प्रभारी विनय कुमार राम, पचम्बा थाना प्रभारी नीतीश कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को शान्त कराया. इस बीच दोनों पक्षों के समर्थकों की भीड़ लगने लगी तो पुलिस लाइन से भी फोर्स बुलाई गई. भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई और इकट्ठा भीड़ को खदेड़ा गया. इसके बाद जमीन पर निषेधाज्ञा लागू करते हुए दोनों पक्षों के खिलाफ 107 की कार्रवाई की गई. दोनों पक्षों के आवेदन के अलावा सीसीएल तथा प्रशासन की ओर से भी अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.
क्या है मामला
दरअसल, भंडारीडीह-पपरवाटांड़ मुख्य मार्ग पर कमरसाली गांव के समीप चौराहे पर सीसीएल की एक जमीन है. इस जमीन पर एक ही समुदाय के दो पक्षों का दावा है. एक पक्ष ने यहां धार्मिक स्थल का निर्माण शुरू किया तो दूसरे पक्ष ने इसका विरोध कर दिया. दोनों पक्ष एक दूसरे पर तरह तरह के आरोप लगाने लगे. इस बीच जिला परिषद उपाध्यक्ष कामेश्वर पासवान भी पहुंचे तो उनके साथ भी कुछ लोगों की कहासुनी हो गई.
सीसीएल की जमीन को लेकर दो पक्ष भिड़े, प्रशासन ने संभाला मोर्चा - कमरसाली गांव
गिरिडीह के पचम्बा थाना इलाके के कमरसाली गांव में सीसीएल की जमीन पर दावेदारी को लेकर दो पक्ष भिड़ गए. बात इतनी बढ़ गई कि नौबत खूनी संघर्ष तक पहुंच गई. दोनों पक्षों की भीड़ अधिक होने पर पुलिस लाइन से भी फोर्स बुलानी पड़ी.
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जमीन की माप कराई गई
मामला गम्भीर था तो डीसी के निर्देश पर प्रशिक्षु आईपीएस भी पहुंचे. इनके अलावा अंचलाधिकारी शशिभूषण मेहरा व सीसीएल के अधिकारी भी पहुंचे. जमीन की माप कराई गई. दोनों पक्षों को सख्त निर्देश दिया गया कि इस जमीन पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं होगा.
एक दूसरे पर लगाया आरोप
इस मामले को लेकर एक पक्ष के सूरज राय, मनोहर राय व अन्य ने कहा कि यह जमीन सीसीएल की जरूर है लेकिन सार्वजनिक है. इस जमीन को समाज के सभी लोगों का हक है. हाल के दिनों में नागेश्वर दास, सोनू मियां, कामेश्वर पासवान समेत अन्य बेच रहे हैं. इसकी जानकारी मिली तो ग्रामीणों ने बैठक की जिसमें पांच गांव के लोग शामिल हुए और इस जमीन पर मंडप का निर्माण करवाया गया. इधर दूसरे पक्ष के नागेश्वर दास का कहना था कि यह जमीन गोवर्धन पासवान का था और वे राहू पूजा करते थे. वे नहीं रहे लेकिन उनकी मंशा थी कि यहां पर स्कूल बने लेकिन स्कूल नहीं बन सका. इस बीच जमीन पर कब्जे को लेकर कुछ लोगों ने साजिश रची और रातों रात मंडप बनाया गया.
क्या कहते हैं अधिकारी
मौके पर मौजूद अंचलाधिकारी शशिभूषण ने कहा कि दोनों पक्षों को साफ समझा दिया गया है. कोई भी इस जमीन पर कब्जा नहीं करेंगे. जबकि एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है.