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मेयर का जाति प्रमाण पत्र रद्द होने का मामला गरमाया, बीजेपी ने जेएमएम को अपने गिरेबान में झांकने की दी सलाह - जाति प्रमाण पत्र रद्द

मेयर सुनील सिंह का जाति प्रमाण पत्र रद्द हो जाने के बाद गिरिडीह की राजनीति गरमा गई है. इसे लेकर जेएमएम ने मेयर पर कई आरोप भी लगाए, जिसके बाद बीजेपी विधायक मेयर के पक्ष में उतर आए. उन्होंने जेएमएम को पहले अपने गिरेबान तक में झांकने की सलाह दे दी.

मेयर के पक्ष में उतरे बीजेपी विधायक

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Published : Aug 22, 2019, 11:42 PM IST

गिरिडीह:नगर निगम के मेयर सुनील पासवान का जाति प्रमाण पत्र रद्द होने के बाद जेएमएम ने मेयर पर कई आरोप लगाए हैं, जिसके बाद बीजेपी भी हमलावर हो गई है. बीजेपी विधायक निर्भय कुमार शाहबादी मेयर के पक्ष में सामने आए और जेएमएम पर गलत बयानबाजी करने का आरोप लगाया.

मेयर के पक्ष में उतरे बीजेपी विधायक

गुरूवार को गिरिडीह विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी ने प्रेस कांफ्रेंस किया, जिसमें उन्होंने जेएमएम के लोगों को कम कानूनी जानकारी होने की बात कही. विधायक ने कहा कि मामला अभी कोर्ट में है और बीजेपी ने जेएमएम को यह चुनौती देता है कि मामले की लड़ाई करने के लिए कोर्ट में आएं. उन्होंने बताया कि अगर मेयर का जाती प्रमाण पत्र गलत पाया जाएगा तो मेयर खुद इस्तीफा दे देंगे.

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जेएमएम अपने गिरेबान में झांके
विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी ने कहा कि जेएमएम के लोग पहले अपने गिरेबान में झांक कर देख लें उसके बाद किसी के उपर आरोप लगाएं. उन्होंने कहा कि जेएमएम के नेताओं के विरूद्ध एसीबी जांच कर रही है तो जेएमएम के नेता खुद इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं.

मेयर ने बोला जेएमएम पर हमला
नगर निगम के मेयर सुनील पासवान ने कहा कि नगर निगम चुनाव में जिस तरह से जनता ने उनके उपर भरोसा कर उन्हें अपना समर्थन दिया है, वो भरोसा टूटने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड मुंसिपल एक्ट 2011 के तहत जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए जो दस्तावेज मांगे गए थे वो सभी कागजात मैंने जमा किया था, प्रमाण पत्र बनाने के समय अधिकारियों ने भी कागजातों की जांच की थी. उस वक्त हमारा दस्तावेज क्यों रद्द नहीं किया गया.

मेयर ने जेएमएम पर कई आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा जो भी आरोप मुझपर लगाए गए हैं वो गलत है. उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में लंबित है जिसका नंबर डब्लूपीसी 3734/19 है, जिसे कोई भी ऑन लाइन देख सकता है. मेयर ने कहा कि जब मैंने 1995, 2005, 2010, 2015 और 2018 में जाती प्रमाण पत्र बनाया था तब-तक मेरी जाती ठीक थी, लेकिन इसके बाद मेरी जाती बदल गई यह कौन साबित करेगा. मेयर ने बताया कि 17 अगस्त को मेरा जाति प्रमाण पत्र रद्द किया गया है, जिसके बाद मैंने 19 अगस्त को फिर कोर्ट में फिर से रिमांइडर डाला है.

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