गिरिडीहः जिले के तीन प्रखंड गावां, तिसरी और देवरी की बड़ी आबादी अभ्रख पर निर्भर है. अभ्रख की खदानें बंद हैं. ऐसे में इस क्षेत्र के हजारों लोगों का रोजगार ढिबरा (अभ्रख अवशेष) है. अभी ढिबरा पर भी प्रतिबंध है. इस प्रतिबंध को हटाने और इसे वैधानिक दर्जा देने की मांग को लेकर भाजपा ने जिला समाहरणालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया.
इस कार्यक्रम में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी मुख्य रूप से शामिल हुए. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाबूलाल ने हेमंत सोरेन की सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब राज्य अलग हुआ था हमारी सरकार थी तो बालू को ढिबरा की तरह लघु खनिज में डाल दिया था. अब राज्य सरकार चाहे तो इसे फ्री भी कर सकती है. यदि सरकार टैक्स लेना चाहती तो लीज पर भी दे सकती है, लेकिन तीन वर्ष में इस सरकार ने एक भी खदान को लीज नहीं दिया. उन्होंने कहा कि इस सरकार की नीयत में ही खोट है. कहा कि इस मामले को वे विधानसभा में भी उठायेंगे. उन्होंने वन विभाग को भी अपने घेरे में लिया. कहा कि जनता के हितों की लड़ाई वे सड़क पर भी उतर कर लड़ेंगे.