गिरिडीहः एक तरफ मधुबन के सिंहपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की चर्चा देश स्तर पर होती है. मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस केंद्र में सेविका व सहायिका द्वारा सांप-सीढ़ी खेल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के तरीके की तारीफ भी कर चुके हैं. 10 महीने बाद सूबे के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी इस केंद्र पर पहुंचते हैं. कहा जाए तो सिंहपुर का यह केंद्र बताता है कि बाल विकास की सेवा इस जिले में कितनी बेहतर है. इसके विपरीत शहर से सटा बेड़ा आंगनबाड़ी केंद्र विभाग की पोल खोल रहा है.
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इस केंद्र का भवन न सिर्फ जर्जर है बल्कि जमींदोज होने की कगार पर भी है. भवन जर्जर होने के बाद भी बच्चे इसी के अंदर बैठ कर आरम्भिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. कहा जाए तो जान जोखिम में डालकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. निगम के क्षेत्र में अवस्थित आंगनबाड़ी केंद्र बेड़ा का क्रम संख्या 91 है. इस केंद्र के जिस कमरे में बच्चे अध्ययन करते हैं और जहां बच्चों का भोजन बनता है उसकी दीवार जगह जगह फट चुकी है. छत भी जर्जर है और बारिश होने पर बूंदें कमरे के अंदर टपकने लगती है.