गिरिडीहः डिजिटल फ्रॉड, पिछले 6-7 वर्ष से यह शब्द आम बोलचाल की भाषा में शुमार है. इसी ठगी के तरीके से साइबर अपराधी आम लोगों के बैंक खाते में सेंधमारी करते हैं. ऐसे अपराध के खिलाफ गिरिडीह की पुलिस भी निरंतर कार्रवाई कर रही है. पिछले दो - तीन माह के दौरान जिले के पुलिस कप्तान दीपक कुमार शर्मा के नेतृत्व में लगभग छह दर्जन अपराधी पकड़े गए हैं. अब गिरिडीह पुलिस इस तरह के फ्रॉड को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है.
कुछ इसी तरह का अभियान भारतीय स्टेट बैंक ने भी शुरू कर रखा है. इस तरह के डिजिटल फ्रॉड से लोगों को बचाने के लिए बैंकर्स ग्रामीण इलाके में जागरुकता शिविर लगा रहे हैं. बैंक की क्षेत्रीय प्रबंधक भावना पंकज के नेतृत्व में बैंक अधिकारी वैसे गांव में जा रहे हैं, जहां के लोगों को साइबर ठगी की बहुत जानकारी नहीं है. आरएम भावना पंकज के साथ बैंक अधिकारी सुनील कुमार निराला, बिपिन कुमार झा, विकास केशरी, अजीत शर्मा ऐसे इलाके में जाकर दिहाड़ी मजदूर से लेकर ग्रामीण महिलाओं को यह बता रहे हैं कि साइबर ठगों से कैसे बचना है. यह बताया जा रहा है कि कैसे साइबर अपराधी मातृत्व लाभ, बिजली कनेक्शन काटने के नाम पर लोगों को फोन करते हैं और फिर फर्जी लिंक भेजकर झांसे में लेते हुए बैंक खाते में सेंध लगाते हैं.
इस पूरे अभियान को लेकर क्षेत्रीय प्रबंधक भावना पंकज बताती हैं कि बैंक लगातार लोगों को साइबर ठगों से बचने को लेकर अलर्ट करता रहता है. ज्यादातर लोग जागरूक हुए भी हैं लेकिन अभी भी कई लोग अज्ञानता के कारण ऐसे साइबर ठगों का शिकार बन रहे हैं. ऐसे ही लोगों को जागरूक किया जा रहा हैं. गांव में प्रोजेक्टर के माध्यम लोगों को समझाया जा रहा है. यह बताया जा रहा हैं कि कैसे फर्जी फोन कॉल, मैसेज से बचना है. कैसे यूपीआई का उपयोग करना है और यदि ठगी हुई है तो तुरंत कहां शिकायत दर्ज करानी है. भावना पंकज बताती हैं कि सतर्कता से ही हम साइबर ठगों से बच सकते हैं. बताया कि बैंक के इस जागरुकता अभियान का असर हो रहा है. लोग सावधानी बरतने की बात कह रहे हैं.