गिरिडीहः शहर से होकर गुजरी उसरी नदी का पुराना पुल को कुछ दिनों पहले तोड़ दिया गया. नया पुल निर्माण के लिए पुराने को ध्वस्त किया गया. पुल टूटा तो सिरसिया, पटेलनगर, बरगंडा समेत कई मुहल्ले के लोगों की परेशानी बढ़ गयी. लोग जान जोखिम में डालकर नदी को पार करने लगे. अब आमलोगों की समस्या का निदान हो गया है. स्थिति यह है कि जिस स्थान पर पुल निर्माण कराया जा रहा है, उसके बगल में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बांस का पुल (Bamboo Bridge in Giridih) बना दिया गया है.
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इस पुल का निर्माण सदर विधायक सुदिव्य कुमार की मदद से स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रामजी यादव, प्रभाकर समेत अन्य लोगों ने मिलकर किया है. पुल के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले रामजी यादव बताते हैं कि यह पुल कई वर्षों से जर्जर था. तीन वर्ष पूर्व पुल निर्माण के लिए तत्कालीन सांसद और विधायक ने आधारशीला रखी. लेकिन पुल बना नहीं. चूंकि पुल के दोनों तरफ घनी आबादी है और लोगों के आवागमन के लिए सबसे सुगम रास्ता पुल ही है. ऐसे में लोग जैसे तैसे नदी क्रॉस करने लगे. पुल के ठीक बगल से गुजरे पाइप लाइन पर चढ़कर लोग जान को जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं.
गिरिडीह में बांस के पुल से होकर लोग जायेंगे छठ घाट उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चें भी जान जोखिम में डालकर आते जाते हैं. उन्होंने कहा कि छठ पूजा नजदीक है. पूजा को देखते हुए गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने छठ घाट का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पाइप लाइन के ऊपर से गुजर रहे बच्चों पर नजर पड़ी. इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था का निर्देश दिया. इसके बाद बांस से पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया. प्रभाकर ने बताया कि इस पुल के बनाने में पूरी सावधानी बरती गयी है. इस पुल से दो हजार किलो वजन गुजार सकता है.
विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि उसरी नदी के पुराने पुल को तोड़कर नया पुल बनाया जा रहा है. इस दौरान लोगों को असुविधा नहीं हो, इसको लेकर बांस का पुल बनाकर पैदल यात्रियों को राहत दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नवनिर्मित पुल का शिलान्यास नहीं होगा बल्कि उदघाटन किया जाएगा.