गिरिडीहः जिले में बैसाखी की धूम रही. सिख समुदाय ने बैसाखी पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया. स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारा में एक विशेष दीवान भी सजा. यहां पंजाब के पटियाला से आए भाई जसकरण सिंह और उनके जत्थे के द्वारा गुरू कीर्तन, गुरुवाणी सुनाई गई. कहा कि सिखों की पग की एक अलग पहचान है. सिखों को अपने धर्म को नहीं भूलना चाहिए और अपने धर्म का पालन बखूबी करना चाहिए.
हर्षोल्लास से मनाया गया बैसाखी पर्व, गुरुद्वारा में विशेष कार्यक्रम का आयोजन, अमृत छकने वाले तीन बच्चे सम्मानित
गिरिडीह में हर्षोल्लास के साथ बैसाखी पर्व मनाया गया. इस दौरान विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ तो अमृत छकने वाले तीन बच्चों को प्रधान सेवक ने सम्मानित भी किया.
उन्होंने ' अमृत पीवै अमर सो हाए, जो तिस भावै नानका साईं गल चंगी समेत कई कीर्तन प्रस्तुत किए. समाज के गुणवंत सिंह मोंगिया ने बताया कि बैसाखी के दिन ही सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने 1699 ई. में बैसाखी के दिन पंजाब के आनंदपुर साहिब में पंजप्यारों के शीश मांगकर खालसा पंथ की स्थापना की. उन्होंने बताया कि गुरु गोविंद सिंह ने लोगों को जुल्म के खिलाफ लड़ने, मजलूमों और कमजोरों की रक्षा करने की सीख दी. उन्होंने कहा कि बड़े ही धूमधाम से हमलोग वैशाखी पर्व मना रहे हैं.