गिरिडीह: कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए सैलून दुकानों में अब भी लॉकडाउन लागू है. इसका असर न सिर्फ सैलून संचालकों में बल्कि सैलून में बाल काटने के उपयोग में लाए जाने वाले कैंची में धार देने वाले कारीगरों पर भी पड़ा है. जिसके कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
क्या है कारिगरों का कहना
कारीगर मनोज विश्वकर्मा ने लॉकडाउन के कारण उत्पन्न आर्थिक संकट को ईटीवी भारत से साझा किया है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में सैलून बंद रहने का सीधा असर उनके धंधे पर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के पूर्व जब स्थिति सामान्य थी, तब रोजाना 30 से 40 कैंचियों में धार बनाने का काम मिलता था. इससे पूरे दिन वे अपने धंधे में व्यस्त रहते थे और घर- परिवार भी ठीक-ठाक से चलता था, लेकिन अब काम नहीं मिल रहा है.