झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Giridih News: बाल विवाह के खिलाफ गिरिडीह में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन, कुप्रथा को मिटाने का लिया संकल्प - नीति आयोग की समन्वयक अंजलि बिन सिकदर

बाल विवाह एक कुरीति ही नहीं, बल्कि समाज के लिए कोढ़ के समान है. इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है. गिरिडीह में इस सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें सामूहिक प्रयास से इस कुप्रथा को खत्म करने पर विचार-विमर्श किया गया.

http://10.10.50.75//jharkhand/27-March-2023/jhgir01baalvivahsemuktidryjh10006_27032023184349_2703f_1679922829_346.jpg
Awareness Program Against Child Marriage

By

Published : Mar 28, 2023, 12:58 PM IST

गिरिडीहः जिला प्रशासन और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की ओर से गिरिडीह के विवाह भवन में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा से गिरिडीह जिले को पूर्णतः मुक्त करने का संकल्प लिया गया है. कार्यक्रम में जिले के सभी पंचायतों में इस विषय को लेकर निगरानी करने की बात कही गई.

ये भी पढे़ं-बाल विवाह ने झारखंड की बढ़ाई चिंता, जानिए सरकार की क्या है तैयारी

बाल विवाह उन्मूलन के लिए सम्मिलित प्रयास करने की जरूरतः इस मौके पर उप विकास आयुक्त शशि भूषण मेहरा ने कहा कि बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराध को समाप्त करने के लिए सभी को सम्मिलित प्रयास करना होगा. इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए ग्राम संरक्षण समितियां और ग्राम पंचायत अपने अपने स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम चलाएं. वहीं प्रशिक्षु आईएएस उत्कर्ष कुमार ने सूचना तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर दिया.

सामूहिक प्रयास के बाल विवाह को रोकना संभवःवहीं कार्यक्रम में मौजूद खोरी महुआ के अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन तिसरी और गावां क्षेत्र में जागरुकता कार्यक्रम चला रहा है. फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर गोविंद प्रसाद खनाल ने कहा कि यह कार्यक्रम सामाजिक कुप्रथा को समाप्त करने के लिए ऐतिहासिक कदम है. सभी के प्रयास से हम बाल विवाह से मुक्ति पा सकते हैं.

बाल प्रतिनिधियों ने साझा किए अपने अनुभवः इस माह अपने प्रयास से तीन बाल विवाह रोकने वाली बाल प्रतिनिधि पूजा कुमारी ने बताया कि इस तरह का विवाह रोकना काफी कठिन होता है. उन्होंने बताया कि लोगों के सहयोग से तीन बाल विवाह को रोकने में सफलता हासिल की. वहीं बाल पंचायत प्रतिनिधि नेहा नाज, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी जीतू कुमार ने भी अपनी बातों को रखा.

बाल विवाह के मामले में देशभर में झारखंड का 11वां स्थानः गौरतलब है कि झारखंड में बाल विवाह के मामले काफी अधिक आते हैं. राज्य के गिरिडीह जिले में भी इस कुप्रथा मामले में सर्वाधिक संवेदनशील है. झारखंड बाल विवाह कुप्रथा के मामले में देशभर में 11वें पायदान पर है. यह आंकड़े राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं.

कार्यक्रम में ये थे मौजूदःकार्यक्रम में गिरिडीह जिला नीति आयोग की समन्वयक अंजलि बिन सिकदर, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, जिला परिषद सदस्य, प्रमुख, मुखिया, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन से सुरेंद्र पंडित, रत्नेश तिवारी, उदय राय, राजेश सिंह, संदीप नयन, अमित कुमार, राजू सिंह, छोटेलाल पांडेय, बाल पंचायत के बच्चे सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details