बगोदर, गिरिडीह: झारखंड के सहायक अध्यापक एक बार फिर आंदोलन के मूड में (Assistant Teachers in the Mood For Agitation)हैं. वेतनमान लागू करने की मांग को लेकर सहायक अध्यापक आंदोलन करेंगे. उतरी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय सहायक अध्यापकों की शनिवार को बगोदर में आयोजित बैठक में वेतनमान लागू करने की मांग सरकार से की गई. मांग नहीं मानने पर आंदोलन का निर्णय लिया गया है.
एक बार फिर आंदोलन के मूड में झारखंड के सहायक अध्यापक, वेतनमान लागू नहीं होने से नाराज - सहायक अध्यापकों में आक्रोश
वेतनमान लागू नहीं होने से नाराज सहायक अध्यापक एक बार फिर आंदोलन के मूड में (Assistant Teachers in the Mood For Agitation) हैं. इसको लेकर उतरी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय सहायक अध्यापकों की बैठक बगोदर में हुई. जिसमें मांग नहीं मानने पर आंदोलन का निर्णय लिया गया है.
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बैठक में प्रमंडल के सातों जिलाें के सहायक अध्यापक हुए शामिलःबैठक में (Assistant Teachers Meeting)प्रमंडल के सातों जिला से सहायक अध्यापक पहुंचे थे. बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश अध्यक्ष संजय दूबे उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि पिछले साल 14 दिसंबर की वार्ता में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व शिक्षा मंत्री ने सहायक अध्यापकों से कहा था कि जनवरी 2022 में वेतनमान को लेकर बैठक की जाएगी, लेकिन 11 माह बाद भी सरकार वेतनमान को लेकर कोई पहल नहीं कर रही है. इस कारण राज्य के 65 हजार सहायक अध्यापकों में भारी आक्रोश है.
सरकार दिसंबर तक वेतनमान घोषित करे, वरना 2023 आंदोलन का होगा वर्षः सहायक अध्यापकों ने कहा कि सरकार दिसंबर माह के अंदर वेतनमान का घोषणा करें, नहीं तो वर्ष 2023 आंदोलन (Assistant Teachers in the Mood For Agitation) का वर्ष होगा. हम सब आंदोलन के बल पर वेतनमान लेंगे. बैठक के अध्यक्षता कर रहे गिरिडीह जिला अध्यक्ष नारायण महतो ने कहा कि हेमंत सोरेन की गठबंधन सरकार ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में जिक्र किया था कि सरकार बनते ही तीन माह के अंदर राज्य की सरकार 65 हजार पारा शिक्षकों को वेतनमान देगी, लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद भी आज तक तीन कदम भी आगे बढ़ नहीं पाई है .
सरकार अपना वादा निभाएः पारा शिक्षकों को सिर्फ सहायक अध्यापक का दर्जा मिला है. सरकार अपना वादा को पूरा करें, वरना एक बार फिर सहायक अध्यापकों के आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहें. इस मौके पर प्रसन्न सिंह, तुलसी महतो, नारायण महथा, काली चरण रवानी, चंदन मेहता, शंकर प्रसाद, कृष्णा पासवान, ध्रुवनाथ शर्मा, सुखदेव हजरा, नारायण दास, रामावतार प्रजापति, सुकर प्रसाद, देवनारायण प्रसाद, सुभाष कुमार, लखन महतो, मनोज कुमार, अजित कुमार, सुरेंद्र प्रसाद, शंभु राय, रंजीत राम, गौतम मंडल, गोवर्धन महतो आदि उपस्थित थे.