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कोरोना काल में दम तोड़ रही इंसानियत, मनमाना किराया वसूल रहे एंबुलेंस ड्राइवर - गिरिडीह में एंबुलेंस चालक की मनमानी

कोरोनाकाल में कई निजी एंबुलेंस संचालकों द्वारा मनमाना किराया वसूला जा रहा है. ऐसे में लोग अब एमपी-एमएलए द्वारा विभिन्न संगठनों को दिए गए एंबुलेंस को खोज रहे हैं. लोगों का कहना है कि सांसद और विधायकों ने विभिन्न संस्थाओं को जो एंबुलेंस दिया है उन संस्थाओं को ऐसे वक्त में आगे आना चाहिए और लोगों की मदद करनी चाहिए.

Ambulance operators are taking more money in Corona period
कोरोना मरीजों को ले जाने के लिए ज्यादा पैसे मांगते हैं एंबुलेंस चालक

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Published : May 12, 2021, 9:15 PM IST

Updated : May 12, 2021, 10:37 PM IST

गिरिडीह:आपदा की इस घड़ी में डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्य कर्मी जी जान से कोरोना मरीजों की जिंदगी बचाने में लगे हैं वहीं, ऐसे दौर में कुछ लोग इंसानियत भूलकर सिर्फ मुनाफाखोरी में जुटे हैं. कुछ एंबुलेंस चालक कोरोना मरीजों को अस्पताल ले जाने और कोरोना मरीजों के शव को श्मशान ले जाने के लिए अनाप शनाप पैसा मांगते हैं. लोग सरकारी एंबुलेंस खोजते हैं लेकिन नहीं मिलता है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

लोगों का कहना है कि सांसद और विधायकों ने विभिन्न संस्थाओं को जो एंबुलेंस दिया है उन संस्थाओं को ऐसे वक्त में आगे आना चाहिए और लोगों की मदद करनी चाहिए. इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर कुमार कहते हैं कि अभी समय है जब हर व्यक्ति को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए. जिन संस्थाओं ने एमपी-एमएलए से एंबुलेंस लिया है उन्हें खुद ही लोगों की मदद करनी चाहिए ताकि लोगों को कम खर्च में ही मरीजों को अस्पताल ले जाने की सुविधा मिले.

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14 किलोमीटर के लिए 9 हजार

ईटीवी भारत की टीम ने उन परिवार के लोगों से बात की जिनसे एंबुलेंस संचालकों ने बेहिसाब पैसे लिए. महेशलुंडी के अभिषेक प्रसाद ने बताया कि बीते 16 अप्रैल को उनके भाई की मौत हो गई थी. अंतिम संस्कार के लिए शहर के नवजीवन अस्पताल से बराकर नदी घाट तक शव लाना था. महज 14 किलोमीटर की दूरी के लिए एंबुलेंस चालक ने 9 हजार रुपए वसूल लिए. उन्होंने बताया कि ड्राइवर ने एक हजार रुपए प्रति किलोमीटर की दर से किराये की मांग की थी. काफी मान-मनौव्वल के बाद 9 हजार रुपए लिए.

भाकपा माले ने पूछा सांसद-विधायक के कोटे वाले एंबुलेंस कहां हैं?

भाकपा माले के नेता राजेश सिन्हा का कहना है कि जिले में सांसद, विधायक या प्रशासन के कोटे से चार दर्जन से अधिक एंबुलेंस खरीदे गए होंगे. लेकिन, अभी ये सभी एंबुलेंस दिख नहीं रहे हैं. यह साफ होना चाहिए कि इस पर मालिकाना हक किसका है. इसे कौन चला रहा है और कौन सेवा भाव से चला रहा है. कमाई करने वालों की पड़ताल हो. अधिकारियों भी इन एंबुलेंस को खोजना चाहिए. माले नेता ने एंबुलेंस चालक और संचालकों से भी निवेदन किया कि इस आपदा में लोगों से उचित किराया ही वसूले.

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मारवाड़ी युवा मंच कर रहा लोगों की सेवा

एक तरफ कुछ एंबुलेंस ड्राइवर मनमाना किराया वसूल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मारवाड़ी युवा मंच नामक संस्था की तरफ से लोगों को एंबुलेंस की सुविधा दी जा रही है. संस्था के सतीश केडिया बताते हैं कि उनकी संस्था को एमएलए की तरफ से एंबुलेंस दिया गया है. एक एंबुलेंस जो काफी पुराना था वह स्क्रैप हो चुका है. बाकी एक एंबुलेंस को दुरुस्त कराया गया है जिसे लोगों की सेवा के लिए रखा गया है. कोशिश है सभी को एंबुलेंस सुविधा का लाभ मिले. उन्होंने बताया कि गिरिडीह में निजी एंबुलेंस के माफिया भी सक्रिय हैं. ऐसे माफिया सभी अस्पतालों के आसपास घूमते रहते हैं और जब भी किसी को एंबुलेंस की दरकार होती है तो ये माफिया ऐसे लोगों को एक तरह से हाईजैक कर लेते हैं ताकि मरीज किसी संस्था से संपर्क नहीं कर सके.

Last Updated : May 12, 2021, 10:37 PM IST

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