गिरिडीह:आपदा की इस घड़ी में डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्य कर्मी जी जान से कोरोना मरीजों की जिंदगी बचाने में लगे हैं वहीं, ऐसे दौर में कुछ लोग इंसानियत भूलकर सिर्फ मुनाफाखोरी में जुटे हैं. कुछ एंबुलेंस चालक कोरोना मरीजों को अस्पताल ले जाने और कोरोना मरीजों के शव को श्मशान ले जाने के लिए अनाप शनाप पैसा मांगते हैं. लोग सरकारी एंबुलेंस खोजते हैं लेकिन नहीं मिलता है.
लोगों का कहना है कि सांसद और विधायकों ने विभिन्न संस्थाओं को जो एंबुलेंस दिया है उन संस्थाओं को ऐसे वक्त में आगे आना चाहिए और लोगों की मदद करनी चाहिए. इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर कुमार कहते हैं कि अभी समय है जब हर व्यक्ति को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए. जिन संस्थाओं ने एमपी-एमएलए से एंबुलेंस लिया है उन्हें खुद ही लोगों की मदद करनी चाहिए ताकि लोगों को कम खर्च में ही मरीजों को अस्पताल ले जाने की सुविधा मिले.
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14 किलोमीटर के लिए 9 हजार
ईटीवी भारत की टीम ने उन परिवार के लोगों से बात की जिनसे एंबुलेंस संचालकों ने बेहिसाब पैसे लिए. महेशलुंडी के अभिषेक प्रसाद ने बताया कि बीते 16 अप्रैल को उनके भाई की मौत हो गई थी. अंतिम संस्कार के लिए शहर के नवजीवन अस्पताल से बराकर नदी घाट तक शव लाना था. महज 14 किलोमीटर की दूरी के लिए एंबुलेंस चालक ने 9 हजार रुपए वसूल लिए. उन्होंने बताया कि ड्राइवर ने एक हजार रुपए प्रति किलोमीटर की दर से किराये की मांग की थी. काफी मान-मनौव्वल के बाद 9 हजार रुपए लिए.