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गिरिडीहः टेरर फंडिंग में तेज हुई कार्रवाई, 17 पर अभियोजन की अनुशंसा - गिरिडीह क्राइम न्यूज

नक्सलियों के खिलाफ गिरिडीह जिला प्रशासन लगातार सख्त रुख अपना रहा है. अब नक्सली कांड में आरोप पत्र समर्पित होते ही अभियोजन की अनुशंसा के साथ-साथ स्वीकृति भी डीसी द्वारा दी जा रही है.

टेरर फंडिंग में कार्रवाई
टेरर फंडिंग में कार्रवाई

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Published : Aug 12, 2020, 9:26 PM IST

गिरिडीहःनक्सलियों द्वारा वसूली गयी लेवी राशि से अकूत सम्पति ( टेरर फंडिंग) जमा करने के मामले में जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है. इस मामले में अब नामजद अभियुक्तों के खिलाफ अभियोजन की तैयारी कर ली गयी है. इसे लेकर गिरिडीह के डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने मधुबन थाना कांड संख्या 04/2018 के सभी 17 अभियुक्तों के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुशंसा सरकार के प्रधान सचिव, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग से की है.

ये है नामजद

जिन नक्सलियों के खिलाफ अभियोजन की अनुशंसा की गयी है, उनमें भाकपा माओवादी सेंट्रल कमेटी मेम्बर अनल उर्फ पतिराम मांझी ( एक करोड़ का इनाम), स्पेशल एरिया कमेटी मेम्बर अजय महतो उर्फ अंजन उर्फ टाइगर ( 25 लाख का इनामी), जोनल कमिटी मेंबर रामदयाल महतो उर्फ बच्चन उर्फ अमर ( 10 लाख) के अलावा नक्सलियों के पैसे से सम्पति अर्जित करने के आरोपी मनोज चौधरी, झरीलाल महतो के साथ-साथ निमियाघाट थाना इलाके के नगलो निवासी टुकनी देवी, उमा देवी, कैलाश महतो, ललिया देवी, डुमरी की चौहनी देवी, डुमरी के दुधपनिया निवासी राजू महतो, राजू की पत्नी यशोदिया देवी, निमियाघाट के बरियारपुर निवासी रामेश्वर महतो, हीरोडीह के रेम्बा निवासी बच्चन कुमार त्रिवेदी, बच्चन त्रिवेदी की पत्नी उर्मिला देवी, धनबाद जिले के निचितपुर निवासी विनोद कुमार महतो, बोकारो जिले के बेरमो थाना इलाके के बड़कीटांड की बॉबी देवी शामिल हैं.

इन सभी के खिलाफ आरोप पत्र का साक्ष्य पाया गया. वहीं एसपी ने भी प्रस्ताव दिया था. इस मामले में सहायक लोक अभियोजक गिरिडीह के मंतव्य एक कागजातों के अवलोकन के बाद डीसी सिन्हा ने इन सभी 17 अभियुक्तों के खिलाफ धारा 13, 16, 17, 18 बी, 19, 20, 21 यूएपी एक्ट के अंतर्गत अभियोजन चलाने की अनुशंसा की है.

क्या है मामला

दरअसल 22 फरवरी 2018 को गिरिडीह के एसपी को एक गुमनाम व्यक्ति द्वारा लिखा हुआ पत्र मिला था जिसमें नक्सली अजय महतो, रामदयाल महतो, नुनुचन्द महतो, मनोज चौधरी, झरीलाल महतो से मुक्ति दिलाने की गुहार लगायी गयी थी.

इस पत्र में यह भी जिक्र था कि अजय, रामदयाल, नुनुचन्द व पतिराम मांझी द्वारा वसूली गयी लेवी से मनोज व झरीलाल ने मधुबन, गिरिडीह शहर, पीरटांड़ व डुमरी में अकूत सम्पति अर्जित की है.

इस पत्र के बाद उस वक्त के एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने उस वक्त के मधुबन थाना प्रभारी मिसिर उरांव को जांच का आदेश दिया था. थाना प्रभारी ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की. चूंकि पूर्व में भी इन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को अकूत सम्पति अर्जित करने की शिकायत मिली थी.

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ऐसे में परत दर परत सारा मामला साफ हो गया. बाद में उन सम्पतियों को चिन्हित करते हुए जब्ती की भी कार्रवाई की गयी. गिरिडीह शहर से लेकर मधुबन, डुमरी में जिन सम्पतियों को नक्सलियों के पैसे से खरीदा गया था उसे जब्त किया गया. बाद में यह मामला जांच के लिए एनआईए को सुपुर्द कर दिया गया. वहीं इस कांड के आरोपियों में से झरीलाल को गुजरात के सूरत तो मनोज चौधरी को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया था.

नक्सलियों के खिलाफ गिरिडीह जिला प्रशासन लगातार सख्त रुख अपना रहा है. अब नक्सली कांड में आरोप पत्र समर्पित होते ही अभियोजन की अनुशंसा के साथ-साथ स्वीकृति भी डीसी द्वारा दी जा रही है

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