गिरिडीह: जिले के बेंगाबाद थाना के समीप सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है. मामले में प्रशासन की टीम शुक्रवार को मौके पर पहुंची और अतिक्रमणकारियों को अल्टीमेटम दिया है. एक सप्ताह के अंदर अतिक्रमणकारियों को स्वयं अवैध कब्जा हटा लेने का निर्देश दिया गया है, नहीं तो बुलडोजर चलाने की बात कही गई है. मामले में शुक्रवार को प्रशिक्षु आईएएस उत्कर्ष कुमार सिन्हा के नेतृत्व में जमीन की मापी करा कर घरों और दीवारों पर चिन्ह लगा दिया गया है. इस क्रम में प्रशिक्षु आईएएस ने लोगों से स्वयं सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है. एक सप्ताह के अंदर अतिक्रमण नहीं हटाने पर उन्होंने प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की बात कही है.
Encroachment In Giridih: गिरिडीह में अतिक्रमणकारियों को प्रशासन ने दिया अल्टीमेटम, एक हफ्ते में अवैध कब्जा नहीं हटने पर चलेगा बुलडोजर - अंचल निरीक्षक केवल राउत
प्रशासन की टीम ने गिरिडीह के बेंगाबाद इलाके में पहुंच कर अतिक्रमणकारियों को सरकारी जमीन से जल्द से जल्द अवैध कब्जा हटाने की हिदायत दी है. अधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर जमीन से अवैध कब्जा नहीं हटाया गया तो प्रशासन अतिक्रमणकारियों से सख्ती से निपटेगा.
जमीन अतिक्रमण कर कुछ लोगों ने बना लिया है मकान: मौके पर उन्होंने कहा कि बेंगाबाद थाना के सामने खाता नंबर-106, प्लॉट नंबर 306 सरकारी गैरमजरूआ किस्म की जमीन है. इस जमीन पर सरकारी नाला भी बना हुआ है. कुछ लोगों के द्वारा जमीन पर अतिक्रमण कर मकान बना दिया गया है. प्रशासन ने लोगों को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है.
अंचल कार्यालय ने मामले में तीन बार भेजा है नोटिस: इस संबंध में अंचल निरीक्षक केवल राउत ने बताया कि पहले भी जमीन की मापी कराई जा चुकी है. मापी के बाद 17 लोगों को नोटिस दिया गया था. उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए सभी को तीन-तीन नोटिस भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक किसी ने अतिक्रमण नहीं हटाया. अधिकारियों की उपस्थिति में दुबारा मापी करा कर लोगों को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया है. इस मौके पर सीओ कृष्ण कुमार मरांडी, हल्का कर्मचारी अमर किशोर सिन्हा, विभागीय अमीन समेत अन्य कर्मी उपस्थित थे.
प्रशासन की कार्रवाई से स्थानीय लोगों में नाराजगी: इधर, प्रशासन की कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की है. इस संबंध में सुखदेव तिवारी ने कहा कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण अन्य स्थानों पर भी किया गया है, लेकिन वहां कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. वहीं स्थानीय शैलेश पांडेय का कहना है कि उनका मकान पूर्वजों ने 1976 में ही बनवाया था. उन्होंने कोई अतिक्रमण नहीं किया है. कहा कि मकान टूटने से काफी नुकसान होगा. प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए. वहीं एक निजी विद्यालय के संचालक ने भी प्रशासनिक अधिकारियों से थोड़ी नरमी बरतने की मांग की है. उनका कहना है कि विद्यालय का भवन टूटने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो जाएगी.